पूर्व शोध छात्र संघ प्रतिनिधि राम सिंह सामोता का कहना है कि एमपेट के दूसरे चरण में वर्ष 2015 में एमफिल उत्तीर्ण स्टूडेंट्स को अब भी आधी सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा था। उन्होंने इसे नियमानुसार गलत ठहराया है। जबकि जेआरएफ को 10 फीसदी, नेट को पांच और एम.फिल स्टूडेंट्स को सात फीसदी वेटेज दिया जा रहा है। हालांकि उनका कहना है कि एमफिल स्टूडेंट्स को अधिक वैटेज दिया जाना चाहिए। वहीं, जो एमफिल का कॉर्स एक साल में होना चाहिए, वह दो साल से ज्यादा समय में पूरा हो रहा है। इन सभी मांगों को लेकर लगातार स्टूडेंट विरोध-प्रदर्शन कर रहे है।
स्टूडेंट्स ने उठाई पारदर्शिता की मांग यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्र उदय सिंह का कहना है कि पिछले चार साल में एमपेट परीक्षा दो बार हुई है। लेकिन इसमें यहां के स्टूडेंट्स को कोई वैटेज ही नहीं मिलता है। मजबूरन उन्हें बाहर की यूनिवर्सिटी में जाकर रिसर्च करना पड़ रहा है। इन स्टूडेंट्स का तो यह भी कहना है कि प्रशासन को नियमों में पारदर्शिता लाकर एमपेट परीक्षा और उसके बाद प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। गौरतलब है कि वर्ष 2018 की एमपेट की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है।
12 विषयों में रिसर्च के लिए अब मांगें आवेदन इधर, राजस्थान विश्वविद्यालय में 12 विषयों के लिए दूसरे चरण की एमपेट परीक्षा की आवेदन प्रक्रिया फिर से शुरू हो चुकी है। हालांकि जिन स्टूडेंट्स ने पहले आवेदन कर दिया है, उन्हें फिर से आवेदन नहीं करना होगा। एमफिल और पीएच.डी के लिए 12 विषयों के लिए एमपेट परीक्षा का दूसरा चरण आयोजित होगा, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया गुरूवार से शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तारीख 26 अक्टूबर है। इसके बाद 31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच फिजिक्स डिपार्टमेंट में हार्डकॉपी जमा करानी होगी।