मामले के मुताबिक जयपुर निवासी सुप्रीतकुमार यादव ने खेल मंत्री अशोक चांदना ( Ashok Chandna ) को शिकायत की है। इसमें यादव ने बताया कि 2011 में झारखंड के रांची में 34 वें नेशनल गेम्स 2011 का आयोजन 12 फ रवरी से 26 फ रवरी तक हुआ था। इसमें राजस्थान की पुरुष कबड्डी टीम ने फाइनल मैच में दिल्ली को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया था।
प्रत्येक खिलाड़ी को 75-75 हजार रुपए
फाइनल में टीम विजेता रही तो 31 मार्च 2011 को राज्य सरकार के खेल एवं युवा मामले विभाग के आदेश पर खिलाडिय़ोंं को 75-75 हजार रुपए देने की स्वीकृति जारी हुई। इसके तहत स्वर्ण पदक विजेता टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को 75-75 हजार रुपए दिए गए। उक्त टीम में 11 खिलाड़ी थी, जिनमें नवनीत गौतम नहीं थे लेकिन उन्होंने राशि उठा ली। जबकि उस टूर्नामेंट में राजस्थान के किसी भी मैच में नवनीत नहीं खेले। न ही वह इसमें शामिल होने रांची गए। उस दौरान तो नवनीत के परिवार में शादी समारोह था।
फाइनल में टीम विजेता रही तो 31 मार्च 2011 को राज्य सरकार के खेल एवं युवा मामले विभाग के आदेश पर खिलाडिय़ोंं को 75-75 हजार रुपए देने की स्वीकृति जारी हुई। इसके तहत स्वर्ण पदक विजेता टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को 75-75 हजार रुपए दिए गए। उक्त टीम में 11 खिलाड़ी थी, जिनमें नवनीत गौतम नहीं थे लेकिन उन्होंने राशि उठा ली। जबकि उस टूर्नामेंट में राजस्थान के किसी भी मैच में नवनीत नहीं खेले। न ही वह इसमें शामिल होने रांची गए। उस दौरान तो नवनीत के परिवार में शादी समारोह था।
नहीं दिया जवाब
पक्ष जानने के लिए पत्रिका ने नवनीत को फोन किया, मामला बताया। नवनीत ने मामला सुनने के बाद कहा कि वापस फोन करता हंू लेकिन बाद में न तो खुद फोन किया, न कॉल रिसीव किया।
पक्ष जानने के लिए पत्रिका ने नवनीत को फोन किया, मामला बताया। नवनीत ने मामला सुनने के बाद कहा कि वापस फोन करता हंू लेकिन बाद में न तो खुद फोन किया, न कॉल रिसीव किया।
– रांची जाने से पूर्व नवनीत ने कहा था कि बाद में आऊंगा लेकिन वह नहींं पहुंच पाए। मैंने कई बार फोन किया लेकिन वह नहीं आए। तब वह शादी में व्यस्त थे और मुझे भी आमंत्रित किया था। मैं नहीं आया तो वह काफी नाराज भी हुए। -जगदीप सिंह, संबंधित कबड्डी टीम के कप्तान
– न तो मैं नवनीत गौतम को जानता हंू और न ही मामला मेेरे ध्यान में आया है। अरुणकुमार हसीजा, सचिव, क्रीड़ा परिषद