दिसंबर में भाजपा को नया प्रदेशाध्यक्ष प्रदेशाध्यक्ष सैनी ने बताया कि पार्टी के सदस्यता अभियान को दोबारा से चलाने पर भी चर्चा की गई। दिल्ली में 10 जून को सदस्यता अभियान को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बैठक लेंगे, जिसमें नए सिरे से सभी राज्यों को टारगेट दिए जाएंगे। साथ ही जून के महीने में संगठन के चुनावों की तैयारी भी हो जाएगी। जिसमें सबसे पहले मंडल अध्यक्ष, फिर जिलाध्यक्ष, प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। दिसंबर में भाजपा को नया प्रदेशाध्यक्ष तो वहीं भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मिल जाएगा। सैनी ने बताया कि संगठन के चुनाव हर तीन साल में होते हैं जिसके तहत ये चुनाव होंगे।
ये रहे मौजूद
इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, राष्ट्रीय सह-संगठन महामन्त्री वी सतीश, प्रदेश संगठन महामन्त्री चन्द्रशेखर के साथ ही भजनलाल शर्मा, वीरमदेव सिंह, ओंकारसिंह लखावत और मुकेश दाधीच भी मौजूद रहे।
इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, राष्ट्रीय सह-संगठन महामन्त्री वी सतीश, प्रदेश संगठन महामन्त्री चन्द्रशेखर के साथ ही भजनलाल शर्मा, वीरमदेव सिंह, ओंकारसिंह लखावत और मुकेश दाधीच भी मौजूद रहे।
संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी में कांग्रेस
स्थानीय निकाय और विधानसभा उप चुनाव से पहले अब प्रदेश कांग्रेस संगठन पदाधिकारियों में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने इसे लेकर मंथन भी शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर हार से कांग्रेस कार्यकर्ता असहज महसूस कर रहे हैं। हालात ये हैं कि बड़े नेताओं ने हार को लेकर परस्पर आरोप प्रत्यारोप तक लगाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में पार्टी में उपजी अंदरूनी कलह को दूर करने के लिए अब प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही जिलों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। पार्टी में तीन दर्जन से ज्यादा बड़े पदाधिकारी ऐसे हैं, जो विधायक या अन्य पदों पर सत्ता में भागीदारी पा चुके हैं। ऐसे पदाधिकारियों को अब संगठन से मुक्त किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के बाद भी यह मांग उठी थी। अब लोकसभा चुनाव के बाद स्वर तेज हो गए हैं। ऐसे में प्रदेश संगठन ने जमीनी कार्यकर्ता में जोश भरने के लिए यह कदम उठाने का निर्णय किया है।
स्थानीय निकाय और विधानसभा उप चुनाव से पहले अब प्रदेश कांग्रेस संगठन पदाधिकारियों में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने इसे लेकर मंथन भी शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर हार से कांग्रेस कार्यकर्ता असहज महसूस कर रहे हैं। हालात ये हैं कि बड़े नेताओं ने हार को लेकर परस्पर आरोप प्रत्यारोप तक लगाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में पार्टी में उपजी अंदरूनी कलह को दूर करने के लिए अब प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही जिलों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। पार्टी में तीन दर्जन से ज्यादा बड़े पदाधिकारी ऐसे हैं, जो विधायक या अन्य पदों पर सत्ता में भागीदारी पा चुके हैं। ऐसे पदाधिकारियों को अब संगठन से मुक्त किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के बाद भी यह मांग उठी थी। अब लोकसभा चुनाव के बाद स्वर तेज हो गए हैं। ऐसे में प्रदेश संगठन ने जमीनी कार्यकर्ता में जोश भरने के लिए यह कदम उठाने का निर्णय किया है।