रोडवेज सूत्रों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में अनुबंध की बसों से करीब 172 दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें करीब 82 लोगों की मौत हुई, 163 लोग घायल हुए। डीजल, परिचालक और 7.11 रुपए प्रति किमी
वर्तमान में अनुबंध पर चल रहीं 970 बसों को 7.11 रुपए प्रति किलोमीटर दिए जा रहे हैं। डीजल अलग से मिलता है। परिचालक भी रोडवेज का ही होता है। रास्ते में बस खराब होने पर बिना संचालन के ही रोडवेज से डीजल लिया जा रहा है। पहले माह में एक बार बस खराब होने पर ही डीजल मिल रहा था। अब इसे बढ़ाकर माह में 2 बार कर दिया गया है। हर बस का संचालन कम से कम 425 किमी होना अनिवार्य है।
सूत्रों के अनुसार पहले अनुबंध की बस जिस डिपो में चलती थी, वहां शिकायत मिलने पर डिपो प्रबंधक नोटिस देकर बस हटा सकते थे। अब यह अधिकार भी मुख्यालय के पास आएगा। ऐसे में बस हटाने के लिए मुख्यालय से पूछना होगा।
सूत्रों के मुताबिक रोडवेज की ओर से बैंकों से ऋण लेकर बस खरीदने पर पूर्ववर्ती सरकार के समय से रोक लगी हुई है। यह रोक हटे तो भी रोडवेज बस खरीद कर फायदे में रह सकता है। अनुबंध पर चल रहीं बसों को हर माह एक लाख रुपए के आसपास भुगतान किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार से हरी झण्डी मिलते ही रोडवेज के उच्चाधिकारियों ने अनुबंध पर बसें लेने के लिए निविदा जारी करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। अब बसें अनुंबध पर लेने के लिए रोडवेज पहले की तुलना में शर्तों में शिथिलता बरतने की तैयारी कर रहा है। अब बस लेने के लिए समूह छोटे कर दिए गए हैं। अब 5 व 10 के ग्रुप में भी बस ली जा सकेंगी। जबकि पहले बड़े ग्रुप में बसें ली जा रही थीं। अब बस स्टैण्ड पर पार्किंग सुविधा भी देनी होगी।