मौसम विभाग के निदेशक शिवगणेश ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून पूर्वी राजस्थान के सभी जिलों में छा गया था। इसके बाद पश्चिमी राजस्थान के पाली, जालौर से बाड़मेर, जोधपुर , नागौर और चूरू के कुछ हिस्सों में प्रवेश कर गया था। सप्ताहभर बाद बुधवार को मानसून फिर पश्चिमी राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों से होता हुआ प्रदेश में आया है। अभी बीकानेर व जैसलमेर जिलों में मानसून आना बाकी है।
ताजा स्थितियों को देखते हुए 20 जुलाई तक पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में हल्की बारिश होगी। इस बाद साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना तो अच्छी बारिश हो सकती है। इधर, जयपुर में बुधवार शाम बूदांबांदी हुई। इससे उमस और बढ़ गई। चूरू में बुधवार को 18.9 मिलीमीटर बारिश हुई। सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिला मुख्यालयों पर बुधवार सुबह से ही काले बादलों की आवाजाही शुरू हो गई थी। सुबह करीब सवा नौ बजे बारिश शुरू हो गई थी। करीब आधे घंटे की बारिश में छह एमएम से अधिक बारिश हुई। चूरू में शाम करीब साढे चार बजे फिर से बारिश शुरू हो गई। दिनभर में करीब 18 एमएम बारिश दर्ज की गई। बारिश से किसानों में खुशी का माहौल है।
बारिश से फसलों को काफी फायदा होगा। वहीं अगेती फसलें लहलहाने लगी हैं। चूरू में बारिश के बाद तापमान में भी गिरावट रही। अधिकतम तापमान 36.3 व न्यूनतम 25.3 डिग्री दर्ज किया गया। नीमकाथाना में सुबह करीब दस बजे झमाझम बारिश शुरू हुई जो लगभग 15 मिनट तक जारी रही। अलवर शहर में बरसात कहीं कम तो कहीं अधिक आई। अलवर तहसील में 13 मिमी बरसात हुई, जबकि कलक्ट्रेट स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय में 15 मिमी बरसात दर्ज की गई। स्थिति यह थी कि दोपहर करीब दो बजे शहर के कलक्ट्रेट क्षेत्र व अम्बेडकर चौराहे आगे बारिश हुई, लेकिन नगली चौराहा व आसपास के क्षेत्र में धूप खिल रही थी।