लूट की यह वारदात 3 सप्ताह पहले इन्दौर-जयपुर सुपरफास्ट रेल के सैकंड एसी के ए-2 कम्पार्टमेंट में हुई थी। आदर्शनगर निवासी पीडि़ता मंजू कासलीवाल ने जीआरपी जयपुर थाने में लिखित रिपोर्ट दी थी। मंजू ने आपबीती प्रार्थना पत्र में हू-ब-हू लिख दी थी।
यह थी घटना
मंजू कासलीवाल 9 अक्टूबर को इन्दौर से जयपुर आ रही थीं। शामगढ़ से भवानीमंडी रेलवे स्टेशन के बीच बदमाशों ने जंगल में रेल रुकवाकर मंजू से बैग लूट लिया। बैग में 22 लाख रुपए का सामान था। अज्ञात युवक ने बैग छीना तो मंजू की नींद खुल गई। मंजू कुछ करतीं उससे पहले लुटेरा दरवाजा खोलकर बाहर कूद गया। फिर जयपुर पहुंचने पर मंजू ने पुलिस को शिकायत दी।
मंजू कासलीवाल 9 अक्टूबर को इन्दौर से जयपुर आ रही थीं। शामगढ़ से भवानीमंडी रेलवे स्टेशन के बीच बदमाशों ने जंगल में रेल रुकवाकर मंजू से बैग लूट लिया। बैग में 22 लाख रुपए का सामान था। अज्ञात युवक ने बैग छीना तो मंजू की नींद खुल गई। मंजू कुछ करतीं उससे पहले लुटेरा दरवाजा खोलकर बाहर कूद गया। फिर जयपुर पहुंचने पर मंजू ने पुलिस को शिकायत दी।
इंदौर जीआरपी ने की पड़ताल तो सामने आया मामला
इस आधार पर जीआरपी थाने को मामला दर्ज करना था लेकिन पुलिस ने इसका तोड़ निकाल लिया। परिवाद के ऊपरी हिस्से में घटनास्थल कोटा लिखा था। पुलिस ने उस पर वाइटनर लगाकर नागदा लिख दिया। इस आधार पर जीरो नम्बरी रिपोर्ट दर्ज की और एमपी भेजने के लिए एसपी जीआरपी अजमेर को डाक से भेज दी। एसपी कार्यालय से पत्र जीआरपी इंदौर पहुंचा। इंदौर जीआरपी ने पड़ताल की तो जयपुर पुलिस की कारगुजारी सामने आई।
इस आधार पर जीआरपी थाने को मामला दर्ज करना था लेकिन पुलिस ने इसका तोड़ निकाल लिया। परिवाद के ऊपरी हिस्से में घटनास्थल कोटा लिखा था। पुलिस ने उस पर वाइटनर लगाकर नागदा लिख दिया। इस आधार पर जीरो नम्बरी रिपोर्ट दर्ज की और एमपी भेजने के लिए एसपी जीआरपी अजमेर को डाक से भेज दी। एसपी कार्यालय से पत्र जीआरपी इंदौर पहुंचा। इंदौर जीआरपी ने पड़ताल की तो जयपुर पुलिस की कारगुजारी सामने आई।
मूल कॉपी में नागदा, फोटो प्रति में कोटा
पीडि़त महिला को पुलिस ने एफआइआर की जो फोटोप्रति दी थी, उसमें कोटा लिखा है। उसे कॉपी देेने के बाद थाने में जमा मूल कॉपी में वाइटनर लगाया गया था। यह तथ्य सामने आने पर जीआरपी इंदौर आइजी ने राजस्थान जीआरपी को पत्र भेजा और मामला दर्ज करने के साथ जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करने को कहा।
पीडि़त महिला को पुलिस ने एफआइआर की जो फोटोप्रति दी थी, उसमें कोटा लिखा है। उसे कॉपी देेने के बाद थाने में जमा मूल कॉपी में वाइटनर लगाया गया था। यह तथ्य सामने आने पर जीआरपी इंदौर आइजी ने राजस्थान जीआरपी को पत्र भेजा और मामला दर्ज करने के साथ जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करने को कहा।
परिवादी की निकलवाई लोकेशन
पुलिस पहले दिन से ही घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं करना चाह रही थी। इसलिए रिपोर्ट आते ही पहले महिला की लोकेशन निकलवाई थी। पीडि़ता के मोबाइल की लोकेशन टे्रस की तो वह कुरलोस गांव में रात 3.30 बजे की आई। इस आधार पर घटना एमपी की बताकर मामला टालने के प्रयास शुरू कर दिए।
पुलिस पहले दिन से ही घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं करना चाह रही थी। इसलिए रिपोर्ट आते ही पहले महिला की लोकेशन निकलवाई थी। पीडि़ता के मोबाइल की लोकेशन टे्रस की तो वह कुरलोस गांव में रात 3.30 बजे की आई। इस आधार पर घटना एमपी की बताकर मामला टालने के प्रयास शुरू कर दिए।
इनका कहना है
मामला पहले मध्यप्रदेश का माना जा रहा था। अब निर्णय हुआ है कि इसकी रिपोर्ट कोटा थाने में दर्ज होगी। आदेश दे दिए अब दर्ज हो जाएगी।
श्वेता धनकड़, एसपी जीआरपी अजमेर
मामला पहले मध्यप्रदेश का माना जा रहा था। अब निर्णय हुआ है कि इसकी रिपोर्ट कोटा थाने में दर्ज होगी। आदेश दे दिए अब दर्ज हो जाएगी।
श्वेता धनकड़, एसपी जीआरपी अजमेर