न्यायाधीश मनीष भण्डारी व न्यायाधीश बनवारी लाल शर्मा की खण्डपीठ ने लडकी को तलाशने के लिए पुलिस को एक माह का समय दिया है। लडकी के पिता की ओर से दायर इस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर अब पांच मार्च को सुनवाई होगी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान अजमेर पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप हाजिर हुए। उन्होंने दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बारे में कोर्ट को जानकारी दी।
प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता अनिमा जैन व पिंकुल जैन ने कोर्ट को बताया कि हेड कांस्टेबल शिवचरण ने न केवल प्रार्थी से 75 हजार रुपए लेकर चेन्नई यात्रा की, बल्कि प्रार्थी को धमकी दी कि कोर्ट व पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की इसलिए अब लडकी मां बनने के बाद ही वापस आएगी। कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और पिछली तारीख पर अजमेर पुलिस महानिरीक्षक को बुलाकर खिंचाई की।
अक्टूबर से गायब है लडकी
अजमेर जिले के भिनाय थाना क्षेत्र से याचिकाकर्ता की 16 वर्ष की बेटी 25 अक्टूबर 18 को गायब हो गई। पुलिस को इसी मामले में शिकायत की, लेकिन अब तक लडकी बरामद नहीं हुई है।
अजमेर जिले के भिनाय थाना क्षेत्र से याचिकाकर्ता की 16 वर्ष की बेटी 25 अक्टूबर 18 को गायब हो गई। पुलिस को इसी मामले में शिकायत की, लेकिन अब तक लडकी बरामद नहीं हुई है।