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राजस्थान लोकसभा चुनाव:8 प्रत्याशी हैट्रिक तो 1 जीत का चौका लगाने को बेताब

वहीं एक प्रत्याशी जीत का चौका मारने को तो एक प्रत्याशी पांचवी बार जीत के लिए बेताब हैं।

जयपुरApr 24, 2024 / 12:05 pm

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-दुष्यंत सिंह पांचवी बार जीत को बेताब
-अर्जुनलाल पिछली बार लगा चुके हैं जीत की हैट्रिक
लोकसभा चुनाव-2024
जयपुर। लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार परवान पर हैं। पहले चरण का मतदान 19 अप्रेल को हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रेल को होगा। मतदान से पहले ही हार-जीत के समीकरण लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में राजस्थान की सभी 25 सीटों की बात करें तो दस प्रत्याशी ऐसे हैं जो दो व तीन बार से अधिक जीत चुके हैं। ये सभी भाजपा से ही हैं। आठ प्रत्याशी इस बार जीत की हैट्रिक लगाने को बेताब नजर आ रहे हैं तो वहीं एक प्रत्याशी जीत का चौका मारने को तो एक प्रत्याशी पांचवी बार जीत के लिए बेताब हैं। जानिए इन दस प्रत्याशियों के बारे में जो यदि इस बार भी जीते तो हैट्रिक व चौका लगाएंगे।
ये जीते तो लगाएंगे हैट्रिक या चौका
1-सुखवीर जौनपुरिया:
ये टोंक लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। इन्होंने वर्ष 2014 और 2019 का चुनाव जीता। इस बार भी इन्हें टिकट मिला है। जीतते हैं तो हैट्रिक लगा देंगे।
2-ओमबिड़ला: ये कोटा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष हैं। तीसरी बार भाजपा के टिकट से हैट्रिक लगाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। यहां इनका मुकाबला भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए प्रहलाद गुंजल से है।
3-सीपी जोशी: भाजपा के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी इस बार हैट्रिक के लिए चुनावी दंगल में उतरे हुए हैं। ये पिछले दो चुनाव जीते हैं, इनके सामने कांग्रेस ने चार बार सांसद का चुनाव लड़ चुके उदयलाल आंजना को मौका दिया है। इस सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
4-गजेन्द्रसिंह शेखावत: ये वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री हैं। पिछले दो चुनाव लगातार जोधपुर लोकसभा सीट से जीते हैं। पिछली बार इन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को शिकस्त दी थी। इस बार इनका मुकाबला कांग्रेस के करणसिंह उचियारड़ा से है। उचियारड़ा सचिन पायलट ग्रुप के माने जाते हैं। यहां पर राहुल गांधी की फलौदी में सभा हो चुकी है।
5-पी पी चौधरी-ये पाली से मैदान में हैं। लगातार दो बार से जीत रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं। इस बार मुकाबला पहली बार चुनावी दंगल में उतरी कांग्रेस की संगीता बेनीवाल से हो रहा है। बेनीवाल ने विधानसभा का टिकट मांगा था, लेकिन लोकसभा चुनाव में इन्हें उतारा है। बेनीवाल बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष रही हैं।
6-कैलाश चौधरी: बाड़मेर से इनकी सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई है। यहां पर रालोपा से कांग्रेस में आए उम्मेदराम बेनीवाल से मुकाबला है। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी ने यहां अच्छा-खास माहौल बना रखा है। ऐसे में कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशाी दोनों को जीत के लिए तडग़ा जोर लगाना पड़ रहा है। भाजपा ने यहां पर पूर्व सांसद मानवेन्द्रसिंह को भाजपा में शामिल कर वोटों को जोडऩे का कुछ प्रयास किया है। ताकि चौधरी की हैट्रिक लग सके।
7-सुमेधानंद सरस्वती: ये सीकर से भाजपा के टिकट पर सवार होकर तीसरी बार चुनावी वैतरणी पार करने में जुटे हैं। यहां भी कांग्रेस ने इनकी हैट्रिक रोकने के लिए माकपा से गठबंधन कर लिया है। यहां पर माकपा के अमराराम चुनाव मैदान में हैं। मुकाबला रोचक बना रखा है।
8-राहुल कस्वां: ये चूरू लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस पार्टी से मैदान में हैं। पिछले दो चुनाव इन्होंने भाजपा से जीते हैं। इसके अलावा इनके पिता रामसिंह कस्वां इसी सीट से लगातार चार बार जीते हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने इनका टिकट काट दिया तो ये कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने भी इन्हें हाथों-हाथ टिकट थमा दिया। यहां इनका मुकाबला भाजपा के ओलपिंक खिलाड़ी देवेन्द्र झांझडिय़ा से होगा।
9-दुष्यंत सिंह: ये चार बार जीत चुके हैं। इस बार लगातार पांचवी बार मैदान में है।ये झालावाड़-बारां सीट से मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस की उर्मिला भाया इनके सामने ताल ठोके हुए हैं। इस सीट का भाजपा का गढ़ कहा जाता रहा है। ये पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के पुत्र हैं। वसुन्धरा भी इसी सीट से लगातार पांच बार भाजपा से ही सांसद रही हैं।
10-अर्जुनराम मेघवाल: ये जीत का चौका लगाने के लिए पूरी दमखम से मैदान में उतरे हुए हैं। ये बीकानेर लोकसभा सीट पर पिछले तीन चुनाव लगातार जीते हैं। वर्तमान में केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम का मुकाबला कांग्रेस के गोविन्द्र राम मेघवाल से है।
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