जातिगत समीकरण के तहत यहां ब्राह्मण, सिंधी, वैश्य व माली समाज की आबादी ज्यादा है। इसी को आधार बताते हुए भाजपा इस बूथ पर अच्छे खासे मतों से जीतती रही है। पिछले चुनाव में कुल मत में से 87.95 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 1071 में से 91 वोट से संतुष्ट रहना पड़ा यानि 8.49 प्रतिशत वोट झोली में आए। इतने अंतर के बारे में जानने की उत्सुकता हुई तो सामने आया कि लोगों ने भाजपा प्रत्याशी पर भरोसा जताया।
बूथ नम्बर 190 दिल्ली बायपास से नजदीक जयसिंपुरा खोर का इलाका है। विकास की दृष्टि से यह हमेशा से पिछड़ा हुआ रहा है। विधायक की नजर भी यहां कम ही पड़ी है। कारण, यहां कांग्रेस का वोट बैंक ज्यादा माना जाता रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा को कुल मतदान में से महज 3 फीसदी वोट मिले। जबकि, कांग्रेस 87.54 प्रतिशत वोट लेने में कामयाब रही। इसके बाद भी स्थानीय निवासी और भाजपा कार्यकर्ता छोटूराम माली दावा करते रहे कि इस सरकार में विकास के बहुत काम हुए हैं, जिसमें सड़क निर्माण, मकानों के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइनें हटाना जैसे वर्षों से लंबित काम शामिल हैं। जब प्रभावी ड्रेनेज की बात हुई तो सड़कों पर पानी बहता मिला। भाजपा का वोट प्रतिशत इतना कम होने का कारण जाना तो पता चला कि यहां हमेशा ही यही स्थिति रही है। यह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है और इस बूथ पर मुस्लिम वर्ग के ही वोट रहे हैं। कुल मतदान 80 फीसदी के आस—पास रहा, जो पिछले चुनाव से ज्यादा रहा था।