गौरतलब है कि पिछले वर्ष भाजपा सरकार के शासन में सरकारी स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सुबह प्रार्थना सभा के बाद दूध पिलाने की योजना थी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में दूध की दर 35 रुपए और शहरी क्षेत्र में 40 रुपए प्रति लीटर निर्धारित की गई थी। लेकिन पिछले दिनों जयपुर डेयरी की ओर से दरें बढऩे के कारण अब ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी दुग्ध समितियां दूध सप्लाई करने में असमर्थता जता रही है। एेसे में जिले की दूदू, चाकसू, आमेर, फागी एवं सांभर इलाके की स्कूलों में दूध वितरण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
150 और 200 एमएल पिलाना था दूध अन्नपूर्णा दूध योजना 1 सितंबर, 2018 से शुरू हुई थी। जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 150 मिलीग्राम दूध और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिलीग्राम दूध प्रतिदिन पिलाना तय किया गया था। दूध को प्रार्थना के तत्काल बाद सभी बच्चों को स्टील गिलास में पिलाने के आदेश दिए गए थे।
इनका कहना है: अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत बच्चों को दूध वितरित किया जाता है। लेकिन जब से जयपुर डेयरी ने दूध की दरों में बढ़ोतरी की है, तब से कई क्षेत्रों की सहकारी समितियों ने दूध ३५ रुपए प्रति लीटर देने में असमर्थता जताई है। इसलिए हमने डेयरी को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया है और बताया है कि योजना प्रभावित हो रही है। साथ ही इन सहकारी समितियों को पूर्व निर्धारित दरों पर दूध उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
जगरूप सिंह यादव, जिला कलक्टर