scriptचुनाव आयोग का फैसला- राजस्थान सहित इन राज्यों में मतदाता सूचियों का होगा ऑडिट, प्रदेश में 42 लाख फर्जी वोटरों का आरोप | Rajasthan Election 2018 - Voter lists will be Audited in Rajasthan | Patrika News

चुनाव आयोग का फैसला- राजस्थान सहित इन राज्यों में मतदाता सूचियों का होगा ऑडिट, प्रदेश में 42 लाख फर्जी वोटरों का आरोप

locationजयपुरPublished: Sep 24, 2018 04:27:24 pm

Submitted by:

dinesh

www.patrika.com/rajasthan-news/

chhattisgarh polls
जयपुर/नई दिल्ली। चुनावी राज्यों में गड़बड़ी की लगातार शिकायतों के बाद Election Commission ने चार राज्यों में मतदाता सूचियों का ऑडिट कराने का फैसला लिया है। इनमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम शामिल हैं। इस नियामक ऑडिट में मतदाता सूचियों के अलावा मतदान केंद्रों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को रखे जाने की व्यवस्था आदि की भी विस्तृत जांच होगी। इन चारों राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेज दिए गए हैं। इन राज्यों में वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं।
आयोग ने कहा है कि व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं चुनावी भागीदारी (एसवीईईपी) और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के प्रशिक्षण का भी ऑडिट किया जाएगा। ऑडिट दल जल्द ही इन राज्यों का दौरा करेंगे। आयोग इन ऑडिट दलों के जरिए अपने निर्देशों व वैधानिक प्रावधानों के निपटारे की निगरानी करेगा और सुधार के लिए भी कदम उठाएगा।
राजस्थान : 42 लाख फर्जी वोटरों का आरोप (Rajasthan Assembly Election 2018)
14 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव आयोग को शिकायत दी कि प्रदेश में करीब 42 लाख फर्जी मतदाता हैं। आरोप है कि कई मामलों में एक ही पते पर सौ-सौ लोग रह रहे हैं। मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर रखी है।
मप्र : सूची के प्र्रकाशन के बाद दौरे को कहा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने सचिव बीसी पात्रा को पत्र लिखकर ऑडिट टीम को मध्यप्रदेश मेे आने से रोकने को कहा है। कांताराव ने कहा कि कि प्रदेश में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 27 सितंबर को होगा। इसके बाद ही टीम को भेजा जाए।
छत्तीसगढ़ : दो लाख से अधिक फर्जी मतदाता
मतदाता सूची के 4,35,879 नामों पर फॉर्म 6 के जरिए आपत्ति हुई है। जांच के बाद आयोग ने नाम निकाले भी हैं। कांग्रेस ने दो बार फर्जी मतदाता की शिकायत की है। आरोप है कि 2 लाख से अधिक फर्जी मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग ने जांच से इनकार कर दिया है।

अधिकारी तुरंत उपलब्ध कराएं सूचनाएं
ऑडिट दल चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों या कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं करने के मामलों का पता लगाएंगे और उनमें सुधार सुनिश्चित करेंगे। मतदाता सूची प्रबंधन के हर पहलू पर बारीकी से गौर करेंगे। मुख्य चुनाव अधिकारियों को संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश देने को कहा गया है कि वे ऑडिट दलों की मांगी सूचना उसी दिन तत्काल मुहैया कराएं।
सुप्रीम कोर्ट में सुझाव
एकतरफा तारीफ वाली खबरें भी पेड न्यूज: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को अखबारों में एकतरफा प्रशंसात्मक खबरों को ‘पेड न्यूज’ मानने का सुझाव दिया है। आयोग के मुताबिक जिन खबरों में कोई राजनेता उपलब्धियों का गुणगान करते हुए मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट देने को कहे तो उन्हें पेड न्यूज माना जाए। चाहे ऐसे मामलों में पैसे दिए जाने का कोई सबूत हो या न हो।
आयोग ने दावा किया है कि ऐसी खबरें नेता अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके छपवाते हैं। इन्हें गैरपक्षपातपूर्ण नहीं माना जा सकता। आयोग ने कहा है कि सिर्फ अकाट्य प्रमाणों के आधार पर ही पेड न्यूज का निर्धारण किया गया तो इससे जोड़तोड़ को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, प्रत्याशियोंं के अपने नेटवर्क और प्रभाव के कारण मिलने वाले लाभ को रोकने की पूरी प्रक्रिया को बड़ा झटका होगा।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के जल संसाधन और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पेड न्यूज मामले में चुनाव आयोग ने अयोग्यता से राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक पक्षीय अंतरिम फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि पेड न्यूज की गणना को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के हिस्से पर भी तत्काल रोक लगे, क्योंकि आयोग चार राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा करने वाला है। हाईकोर्ट के फैसले का असर इन चुनावों पर भी पड़ सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो