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दलित आंदोलन पर रहे मौन अब ऐसे चुकानी पड़ी कीमत

locationजयपुरPublished: Nov 13, 2018 12:11:49 pm

Submitted by:

Mridula Sharma

पार्टी लाइन के साथ नहीं दिखे थे कुछ विधायक तो कटा उनका टिकट

जयपुर. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के चलते देशभर में दलित आंदोलन हुआ था, इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के कुछ विधायक पार्टी लाइन के साथ खड़े नहीं दिखे थे तो कुछ ने मौन धारण कर लिया था। इसके चलते दलितों में भाजपा विरोधी छवि बन रही थी, जिसके चलते राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में उन विधायकों का टिकट काट दिया गया है। माना जा रहा है कि जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं उनके बारे में पार्टी में उच्च स्तर पर इसी तरह की फीडबैक गया था।
दलित मुद्दे पर मुश्किलों में रही भाजपा के समक्ष अब आरक्षित सीटों पर पिछले प्रदर्शन को दोहराना चुनौती है। पहली सूची में काटे गए मौजूदा 23 विधायकों में से 11 आरक्षित वर्ग के हैं। इनमें 5 महिला विधायक भी हैं। नए चेहरों में सोजत से शोभा चौहान और बयाना से रितु बनावत को मौका दिया है।

भाजपा की पहली सूची में एससी की 15 उन सीटों को शामिल किया है, जहां भाजपा का कब्जा था। इनमें से 6 सीटों पर मौजूदा विधायकों का प्रदर्शन ठीक नहीं होने और एंटी इंकंबेंसी का असर के चलते उनका टिकट काट दिया है। इन्हीं कारणों के चलते एसटी की सीटों से चार विधायकों का पत्ता साफ कर दिया गया है। जबकि सामान्य वर्ग की मनोहरथाना सीट से विधायक कंवरलाल मीणा की छवि खराब होने और आपराधिक रेकॉर्ड के चलते चुनावी मैदान से हटा लिया गया है। इसके अलावा आरक्षित वर्ग में कुछ विधायकों के टिकट काटने के बाद उनके परिवार के सदस्यों को ही चुनाव में उतार दिया गया है।
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