दोनों दलों का मानना है कि विवाद में उलझी कुछ सीटों पर टिकटों को बदलकर ना केवल जातिगत गणित का संतुलन बनाया जा सकता है बल्कि बगावत भी शांत हो जाएगी। चूंकि कांग्रेस की लिस्ट घोषित हुए अभी एक ही दिन ही बीता है इसलिए वह भाजपा की अपेक्षा कुछ राहत में जरूर है लेकिन पूर्ण सुरक्षित नहीं। कांग्रेस ने 4 से 5 सीटों पर पुनर्विचार शुरू किया है। इनमें पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान की सीट शामिल हैं। भाजपा पिछले पांच दिन से बगावत से जूझ रही है। साथ ही अब कांग्रेस की लिस्ट सामने आने के बाद नए रणनीतिक विकल्प तलाशने की जरूरत भी महसूस हो रही है। अत: भाजपा ने ऐसी 12 से 15 सीटों को चिन्हित किया है, जिनके टिकटों पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
भाजपा : पुनर्विचार की परम्परा नहीं
मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार को इस विषय को लेकर बैठक हुई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राष्ट्रीय संगठन सह महामंत्री वी. सतीश, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर और विधायक अशोक परनामी ने शिरकत की। इसमें मुख्य तौर पर बगावत से निपटने के तरीकों पर विचार किया गया। साथ ही कांग्रेस की पहली लिस्ट का विश्लेषण भी हुआ। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा की जाएगी। वहीं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने साफ कहा कि एक भी टिकट बदला नहीं जाएगा। जो टिकट बंट गए, अब वही चुनावी चेहरा होंगे। भाजपा में पुनर्विचार की परम्परा नहीं है। बगावत के चरम पर आने के साथ ही पार्टी ने संभागीय नेताओं को भी अति सक्रिय कर दिया है। उन्हें टिकट कटने से नाराज होकर विरोध पर उतरे नेताओं को संतुष्ट करने का जिम्मा सौंपा गया है। कुछ प्रभावी नेताओं की समझाइश की जिम्मेदारी राज्य के बड़े नेता स्वयं संभाल रहे हैं। राज्यसभा सदस्य ओमप्रकाश माथुर शनिवार को चुनावी रणनीति को लेकर नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार को इस विषय को लेकर बैठक हुई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राष्ट्रीय संगठन सह महामंत्री वी. सतीश, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर और विधायक अशोक परनामी ने शिरकत की। इसमें मुख्य तौर पर बगावत से निपटने के तरीकों पर विचार किया गया। साथ ही कांग्रेस की पहली लिस्ट का विश्लेषण भी हुआ। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा की जाएगी। वहीं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने साफ कहा कि एक भी टिकट बदला नहीं जाएगा। जो टिकट बंट गए, अब वही चुनावी चेहरा होंगे। भाजपा में पुनर्विचार की परम्परा नहीं है। बगावत के चरम पर आने के साथ ही पार्टी ने संभागीय नेताओं को भी अति सक्रिय कर दिया है। उन्हें टिकट कटने से नाराज होकर विरोध पर उतरे नेताओं को संतुष्ट करने का जिम्मा सौंपा गया है। कुछ प्रभावी नेताओं की समझाइश की जिम्मेदारी राज्य के बड़े नेता स्वयं संभाल रहे हैं। राज्यसभा सदस्य ओमप्रकाश माथुर शनिवार को चुनावी रणनीति को लेकर नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस : कुछ टिकटों पर पुनर्विचार शुरू
कांग्रेस नेता शनिवार को नई दिल्ली स्थित वार रूम में फिर इकटठा हुए। दो चरणों में देर शाम तक हुई इस बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के साथ राज्य के बड़े नेताओं ने शेष 48 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल बनाया। इस बीच शेष सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के इंतजार में बाहर खड़े कार्यकर्ता नारे लगाने लगे। कुछ देर बाद वरिष्ठ नेताओं ने बाहर निकलकर उनकी बात सुनकर उन्हें शांत कराया। अलवर जिले की कई सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं होने से टिकटार्थियों ने समर्थकों के साथ बैठक में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह को अपने बायोडेटा देकर टिकट दिलाने में पैरवी की गुुजारिश की। कार्यकर्ताओं ने वार रूम में घुसते और बाहर आते समय नेताओं की कारों को रोककर अपनी भावनाओं से अवगत कराया। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नाराज नेताओं की बगावत की आशंका को देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में बांटे कुछ टिकटों पर पुनर्विचार शुरू किया है। हालांकि अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सहमति के बाद ही किया जा सकेगा। साथ ही पार्टी अब शेष 48 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट फाइनल करने में जुट गई है।
कांग्रेस नेता शनिवार को नई दिल्ली स्थित वार रूम में फिर इकटठा हुए। दो चरणों में देर शाम तक हुई इस बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के साथ राज्य के बड़े नेताओं ने शेष 48 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल बनाया। इस बीच शेष सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के इंतजार में बाहर खड़े कार्यकर्ता नारे लगाने लगे। कुछ देर बाद वरिष्ठ नेताओं ने बाहर निकलकर उनकी बात सुनकर उन्हें शांत कराया। अलवर जिले की कई सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं होने से टिकटार्थियों ने समर्थकों के साथ बैठक में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह को अपने बायोडेटा देकर टिकट दिलाने में पैरवी की गुुजारिश की। कार्यकर्ताओं ने वार रूम में घुसते और बाहर आते समय नेताओं की कारों को रोककर अपनी भावनाओं से अवगत कराया। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नाराज नेताओं की बगावत की आशंका को देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में बांटे कुछ टिकटों पर पुनर्विचार शुरू किया है। हालांकि अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सहमति के बाद ही किया जा सकेगा। साथ ही पार्टी अब शेष 48 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट फाइनल करने में जुट गई है।