राजस्थान के इन 5 विश्वविद्यालयों को मिली सौगात ( Rajasthan 5 Universities Get Benefits of 7pay Commission ) सीएम गहलोत ने बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय ( Rajasthan University of Veterinary & Animal Sciences Bikaner )
– स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर (
Swami Keshwanand Rajasthan Agriculture University Bikaner ) – उदयपुर का महाराणा प्रताप कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, (
Maharana Pratap University of Agriculture and Technology Udaipur )
– जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय (
agriculture university jodhpur ) – कोटा कृषि विश्वविद्यालय (
Agriculture University Kota ) – श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर (जयपुर) (
Sri Karan Narendra Agriculture University jobner ) के अध्यापकों, पुस्तकालय अध्यक्षों और शारीरिक शिक्षा निदेशकों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सिफारिशों के अनुसार नये वेतनमान देने की स्वीकृति दी है।
ये रहेगी वेतन भुगतान की व्यवस्था राज्य सरकार के निर्देशानुसार, अध्यापकों को नये वेतनमान के अनुसार एक जनवरी, 2017 से 31 दिसम्बर, 2018 तक का एरियर इस वित्तीय वर्ष में देय होगा और इसका भुगतान भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा। साथ ही, एक जनवरी, 2004 के बाद सेवा में आए अध्यापकों के लिए एरियर का भुगतान तीन किस्तों में 30ः30ः40 के अनुपात में एक जुलाई, 2019, एक अक्टूबर, 2019 और एक जनवरी, 2020 को देय होगा।
इधर, राज्य के सहकारी बैंकों के कार्मिक पिछले पांच साल से नए वेतन के लिए तरस रहे हैं। सरकार इनकी सुन नहीं रही है। इससे बैंक कार्मिकों में नाराजगी है। वेतन समझौता लागू करने की मांग को लेकर सोमवार को यूनाइटेड फोरम आॅफ कॉपरेटिव बैंक इंडियन्स के प्रांतीय महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा के नेतृत्व में कार्मिकों के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, सचिव वित्त (व्यय) सुधीर कुमार शर्मा से मिलकर वेतन समझौता लागू करवाने की मांग की। इस पर एसीएस आर्य ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है।
प्रांतीय महासचिव आमेरा का कहना है कि जनवरी 2014 से कार्मिकों को नए वेतन समझौते के हिसाब से लाभ मिल जाना चाहिए था लेकिन अभी तक उन्हें लाभ नहीं मिला है। नए समझौते को लेकर सहकारी बैंक कार्मिकों ने कई बार आंदोलन किए। कर्मचारी यूनियन के सामुहिक हड़ताल पर जाने की चेतावनी के बाद फरवरी में मुख्यमंत्री स्तर पर नया वेतन समझौता लागू करने पर सकारात्मक रूख दिखाया गया लेकिन फिर भी कार्मिकों को नए वेतन का लाभ नहीं मिला है।