सरकार ने कृषि कनेक्शन के लिए अलग से 5200 करोड़ की योजना की घोषणा की है। इसके तहत कृषि कनेक्शन के लिए अलग से फीडर बनेंगे। सीएम गहलोत ने कहा कि एक लाख कृषि कनेक्शन देने का काम इस साल पूरा कर लिया जाएगा। साथ सीएम ने किसानों को दिन में अधिक बिजली देने की घोषणा की है।
बजट में सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए 30, 126 करोड़ का प्रावधान किया है। सरकार ने बजट में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा नीति बनाने घोषणा की है। प्रदेश में 220 केवी के 3, 132 के 13 ग्रिड सब स्टेशन बनेंगे। जोधपुर में 765 केवी का ग्रिड सब स्टेशन बनेगा।
बिजली की छीजत को कम करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा नाथद्वारा और पुष्कर में विद्युत लाइन को भूमिगत किया जाएगा। 3 साल में 33 केवी सब स्टेशन्स में 600 नए ट्रांसफोर्मर लगेंगे जिस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। किसानोें को कुसुम योजना के तहत सौलर पंप सेट मिलेंगे। फ्लोराइड प्रभावित 1 हजार से ज्यादा क्षेत्रों में सौलर ऊर्जा तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
आमदनी कम, खर्च ज्यादा बढ़ गया राजकोषीय घाटा
सरकार ने लेखानुदान के समय भले ही प्रदेश का बजट 2.31 लाख करोड़ रुपए का कर दिया हो, लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा ऋण के ब्याज चुकाने, वेतन, पेंशन और अनुदान पर खर्च हो रहा है। जबकि सीमित संसाधनों से राजस्व मिल रहा है। उधर, विकास कार्यों के लिए स्वीकृत बजट की करीब 20 फीसदी राशि खर्च ही नहीं हो रही है।
ऐसे में सरकार का राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ रहा है। राज्य में सत्ता बदलने के बाद भी वित्तीय हालात में सुधार नहीं आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लेखानुदान के समय किए दावे के विपरीत राजस्व और राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ रहा है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार को करीब 34938 करोड़ रुपए का राजकोषीय और 28067 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है। जबकि लेखानुदान के बाद अप्रेल और मई माह में करीब 11.94 करोड़ का राजकोषीय घाटा सरकार उठा चुकी है। गौरतलब है कि सीएम ने गत 13 फरवरी को विधानसभा में लेखानुदान पेश करते हुए भाजपा सरकार के समय वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।