सूत्रों के मुताबिक पार्टी संगठन एवं निकाय चुनाव तक नए अध्यक्ष का चयन टाल सकती है। ऐसे में नया कप्तान नहीं मिलने तक संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर अनौपचारिक तौर पर पार्टी की कमान संभाले रखेंगे।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ( Ashok Pernami ) के इस्तीफे के बाद खींचतान के चलते 75 दिन में दूसरा प्रदेशाध्यक्ष चुना गया था। ऐसे में जानकार कह रहे हैं कि भाजपा को
नया प्रदेशाध्यक्ष मिलने में अभी कुछ और वक्त लग सकता है। इस पद के लिए भाजपा के कई दिग्गज नेता कतार में हैं।
विधायक सतीश पूनिया ( Satish Poonia ), पूर्व विधायक अरुण चतुर्वेदी (
Arun Chaturvedi ), उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (
Rajendra Rathore ), मदन दिलावर ( Madan Dilawar ) जैसे कद्दावर नेताओं के नाम इस पद के लिए चल रहे हैं। हालांकि इस बार भी कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेशाध्यक्ष संघ पृष्ठभूमि का होगा। बहरहाल पार्टी बिना प्रदेशाध्यक्ष के है। ऐसे में कार्यकर्ताओं का जोश भी ठंडा पड़ता दिख रहा है।
वहीं, राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि नए प्रदेश अध्यक्ष चयन में एक तो जातिगत समीकरण को लेकर पार्टी में एकराय नहीं बन पा रही, दूसरी तरफ निकाय चुनाव में बस तीन माह बचे हैं। ऐसे में पार्टी सभी को एकजुट रखना चाहती है। पार्टी का एक धड़ा मानता है कि निकाय एवं पंचायत चुनाव से पहले प्रदेशाध्यक्ष के नाम की घोषणा (
rajasthan bjp latest news ) होगी तो चुनावी एकजुटता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।