संयम लोढा ने सदन में कहा कि बजट में आम आदमी का ध्यान रखा है, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सराहना करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना की। दोपहर बाद कटारिया जब सदन में आए थे, तो उन्होंने सभापति को कहा कि लोढा को बोलने का एक घंटे का समय कैसे दे दिया गया। इस पर लोढा ने कहा कि वह केवल 40 मिनट बोले हैं और सभापति ने भी कहा कि लोढा केवल चालीस मिनट बोले हैं। इस दौरान लोढा ने बांहे चढाते हुए कटारिया पर अमर्यादित टिप्पणी कर दी। इससे उत्तेजित भाजपा के सभी सदस्य वेल में एकत्रित हो गए और नारेबाजी करने लग गए।
भाजपा सदस्य सभापति से लोढा को सदन से बाहर निकालने की मांग करते हुए धरने (
BJP protest ) पर बैठ गए। इस पर सभापति ने कहा कि आसन के लिए हर सदस्य समान है और कभी किसी के साथ पक्षपात नहीं किया गया है। सभापति ने कहा कि सदन सौहार्दपूर्ण वातावरण में चले यह सभी के सहयोग से ही संभव है। इसके बाद भाजपा के सदस्य पुन: अपने स्थान पर जाकर बैठ गए और सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई।