मनपसंद जगहों में से एक
सवाई माधोपुर में स्थित रणथंभौर प्रियंका गांधी की मनपसंद जगहों में से एक है। वे यहां अक्सर परिवार के साथ आती रहती है। वन्य जीवों के प्रति प्रेम रखने वाली प्रियंका फोटोग्राफी करती हैं।
पहली बार अपने पिता राजीव गांधी के साथ आई थी
राहुल गांधी की बहन प्रियंका को वन्य जीव की फोटो लेने का शौक 13 साल की उम्र से ही लग गया था। तब वे पहली बार अपने पिता राजीव गांधी के साथ रणथंभौर आई थीं। तब प्रियंका ने अपने बच्चों के लिए शिकार करती एक बाघिन का ब्लैक एंड व्हाइट फोटो भी लिया था।
बाघ के दीदार के लिए 45 डिग्री तापमान में तपती रहीं चार घंटे
रणथंभौर में बाघों के एक विशेष सीन के लिए प्रियंका एक बार 45 डिग्री तापमान में चार घंटे लगातार तपती रही और जब बाघ आए तो वे तीन घंटे तक उन्हें निहारती रहीं। उन्होंने वन्य जीवों के प्रति प्रेम का यह श्रेय अपने पिता राजीव गांधी को दिया है। उनका कहना है कि उन्हीं ने मुझे फोटो लेना सिखाया।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी है प्रियंका की पुस्तक
प्रियंका गांधी के कैमरे से लिए गए फोटो पर आधारित एक मेगासाइज कॉफी टेबल बुक भी प्रकाशित हुई जिसे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। दॅ टाइगर्स रीम शीर्षक से प्रकाशित यह पुस्तक कॉफी टेबल बुक से काफी हटकर है। इसमें होटेलियर और वन्यजीव तथा प्रियंका गांधी के मित्र जैसलसिंह और अंजलीसिंह का भी सहयोग है। यह पुस्तक इन तीनों के नाम से छपी है।
बाघों की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाया गया है पुस्तक में
राजीव गांधी को समर्पित इस पुस्तक में रणथंभौर के खूबसूरत फोटो हैं, जिनमें बाघों की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाया गया है। इसका डिजाइन खुद प्रियंका गांधी ने तैयार किया है। पुस्तक के एक फोटो में मोटर साइकिल पर आ रहा परिवार बाघ को देखकर जान बचाने की कोशिश करता और मोटर साइकिल सडक़ पर ही छोडकऱ भाग जाता है।