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सावधान …..प्रदूषण के कारण बढ़ रहा त्वचा रोग

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2018 01:21:07 pm

Submitted by:

Vikas Jain

– त्वचा रोग विशेषज्ञों के सम्मेलन में चौंकाने वाली जानकारी
 

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सावधान …..प्रदूषण के कारण बढ़ रहा त्वचा रोग

जयपुर। कांटेक्ट एवम ऑक्यूपेशनल डर्मेटाइटिस फोरम ऑफ इंडिया का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डॉ.दिनेश माथुर ने बताया कि बढ़ते प्रदूषित वातावरण एवम पदार्थो के संपर्क के कारण डर्मेटाइटिस के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सम्मेलन में इस चेतावनी के बाद राजधानी जयपुर और जोधपुर के दोनों शहरों के लिए चिंता में इजाफा हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ माह पहले दोनों शहरों को दुनिया में प्रदूषण के लिहाज से सबसे खराब शहरो ंमें शामिल किया था। सम्मेलन में देश भर से करीब 150 त्वचा रोग विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।
इस दौरान जम्मू एंड कश्मीर से आई डॉ इफ्फत हसन ने कहा कि केसर और ट्यूलिप जहां पूरे वातावरण सुंगंधित और महकाती है, वहीं यह कांटेक्ट डर्माटाइटिस भी देती है। हिमाचल प्रदेश के डॉ विक्रम महाजन ने इस रोग में काम आने वाले उपकरण पैच टेस्ट की गुणवत्ता एवम अवधि पार होने के विषय पर चर्चा की।
दिल्ली के डॉ कौशल वर्मा ने इन रोगों की टेस्ट की निर्धारित अवधि 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे करने के शोध पर चर्चा की। इलाहाबाद के डॉ पी के श्रीवास्तव ने मोबाइल फोन से होने वाली डर्माटाइटिस, पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ संजीव हांडा ने हाथो में होने वाली एग्जिमा और उसमें फ्लाग्रीन नामक अवयव के बारे में बताया।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि डॉ एन के माथुर, डॉ ऋषि भार्गव, डर एस आर शुक्ला, एस एम एस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ यू एस अग्रवाल, डॉ आर एन दत्ता, डॉ महावीर मेहता, डॉ असीम सरकार ने संबोधित किया। इस अवसर पर डाक तार विभाग के अधीक्षक ने त्वचा रोग के खतरों को दर्शाने वाले डाक टिकट को जारी किया। राष्ट्रीय सचिव राजेश पहाडिया ने बताया कि यह आवरण अनेकों संग्रह कर्ताओ तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमे वातवरण में फैली हुई पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस नामक पेड पौधों से उत्पन्न होने वाली एलर्जी के खतरों को अंकित किया हुआ है।

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