यह कहा था गृहमंत्री ने
पुलिस मुख्यालय ने 500 ऐसे केस छांटे हैं, जिन पर कोर्ट स्टे चल रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन केसों पर स्टे आदेश जारी होने की तारीख से छह माह बाद स्वत: खारिज हो जाएगा।
पुलिस मुख्यालय ने 500 ऐसे केस छांटे हैं, जिन पर कोर्ट स्टे चल रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन केसों पर स्टे आदेश जारी होने की तारीख से छह माह बाद स्वत: खारिज हो जाएगा।
यह बताया एडीजी क्राइम ने
एडीजी पीके सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है, वह पुलिस अनुसंधान पर स्टे के मामले में नहीं है। पुलिस जांच पर स्टे है तो वह कोर्ट द्वारा ही खारिज किया जा सकेगा।
एडीजी पीके सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है, वह पुलिस अनुसंधान पर स्टे के मामले में नहीं है। पुलिस जांच पर स्टे है तो वह कोर्ट द्वारा ही खारिज किया जा सकेगा।
यह था सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबित मामलों में जहां कोर्ट ने स्टे ऑर्डर दिया है उसकी अवधि छह माह बीतने के बाद समाप्त हो जाएगी। साथ ही, स्पष्ट किया कि किसी मामले में स्पीकिंग ऑर्डर से स्टे जारी रहने की अनुमति दी गई है तो वह अपवादस्वरूप जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबित मामलों में जहां कोर्ट ने स्टे ऑर्डर दिया है उसकी अवधि छह माह बीतने के बाद समाप्त हो जाएगी। साथ ही, स्पष्ट किया कि किसी मामले में स्पीकिंग ऑर्डर से स्टे जारी रहने की अनुमति दी गई है तो वह अपवादस्वरूप जारी रहेगा।
यह मामला भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय करने के आदेश पर हाईकोर्ट के स्टे देने से संबंधित है। हाईकोर्ट आरोप तय करने के आदेश पर विशेष परिस्थिति में सुनवाई कर सकता है, लेकिन इसका प्रयोग रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामले में ही हो सकता है।
एेसे मामलों में निर्णय में देरी नहीं होनी चाहिए। हालांकि इसके लिए किसी तरह की समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती, लेकिन सामान्य तौर पर यह दो-तीन महीने से ज्यादा नहीं होना चाहिए। स्पीकिंग आर्डर का मतलब है कि स्टे जारी रहने का कारण बताया जाए।