प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईआईटी (IIT) के छात्रों से पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था और प्लास्टिक का सस्ता विकल्प देने की चुनौती स्वीकार करने की अपील की है। मोदी ने मथुरा में स्टार्टअप ग्रांड चैलेंज योजना की शुरूआत करते हुए कहा कि आईआईटी के छात्र इस चुनौती से जुड़े और समस्या का समाधान दें। उन्होंने कहा कि छात्र नए विचारों के साथ आगे आएं। सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी और जरूरी निवेश करेगी। इससे रोजगार भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्लास्टिक की थैलियों का सस्ता और सुलभ विकल्प क्या हो सकता है। ऐसे कई विषयों का हल देने वाले स्टार्टअप शुरू किए जा सकते हैं। देश के डेयरी सेक्टर को विस्तार देने के लिए हमें नई तकनीक की जरूरत है। ये नवाचार हमारे ग्रामीण समाज से भी आएं इसीलिए स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक की समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। प्लास्टिक के खाने से पशुओं एवं जलीय जीवों के निगलने से उनका जिंदा बचना मुश्किल हो रहा है। एक बार उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा। उन्होंने लोगों से अपने घर, दफ्तर और कार्यक्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसमें गैर सरकारी संगठनों, स्कूलों, कॉलेजों, महिला संगठनों और अन्य संगठनों को इस अभियान से जुडऩा चाहिए। इससे संतानों का भविष्य उज्जवल होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्लास्टिक कचरा संग्रह किए जाने के बाद उसका रिसाइकिल किया जाएगा और जिसे ऐसा नहीं किया जाएगा। उसे सीमेंट कारखानों और सड़क निर्माण में उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग नहीं किया जाएगा। उसके स्थान पर मिट्टी या धातुु के बर्तनों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डेयरी विस्तार और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नवाचार की जरूरत है। पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ाने के लए हरे चारे की जरूरत है।