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सस्ता होगा मकान बनाने का सपना, राजस्थान सरकार ला रही है यह फार्मूला

locationजयपुरPublished: Aug 21, 2019 07:17:15 pm

आरक्षित दर के फार्मूले में होगा बदलाव, आरक्षित दर का नहीं रहेगा डीएलसी और बाजार दर से कनेक्शन, विकास प्राधिकरणों और यूआइटी के हाथ होगी आरक्षित दर कम-ज्यादा करना

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सस्ता होगा मकान बनाने का सपना, राजस्थान सरकार ला रही है यह फार्मूला

शादाब अहमद / जयपुर. Rajasthan सरकार विकास प्राधिकरणों ( Development authorities ), ट्रस्टों और स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ आम लोगों को सस्ती दर पर भूखंड उपलब्ध कराने के लिए कॉलोनाइजर्स से मुकाबला करने को तैयार दिख रही है। सरकार जल्द ही भूखंड नीलामी नीति में बड़ा फेरबदल कर आरक्षित दर कम-ज्यादा करने का अधिकार विकास प्राधिकरणों और यूआइटी को देने जा रही है। इसके लिए आरक्षित दर के फार्मूले में भी बदलाव किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि जयपुर, जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण ( Ajmer Development Authority ) के साथ यूआइटी समेत अन्य स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थित गड़बड़ाई हुई है। रियल एस्टेट में मंदी के दौर के साथ सरकारी संस्थाओं की जमीन नीलामी की आरक्षित दर अधिक होने के चलते अधिकांश बार नीलामी में लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं। जमीन नीलामी की आरक्षित दर सामान्यतया डीएलसी से अधिक रखी जाती है। वहीं निजी कॉलोनाइजर्स बाजार के हाल को देखते हुए जमीन के भाव कम-अधिक करते रहते हैं। इसको देखते हुए अब सरकार आरक्षित दर के फार्मूले को बदलने जा रही है।
आरक्षित दर का डीएलसी और बाजार दर से कोई कनेक्शन नहीं रहेगा। हालात को देखते हुए आरक्षित दर कम-अधिक करने का अधिकार विकास प्राधिकरणों और यूआइटी के पास रहेगा। जबकि स्थानीय निकायों को लेकर अभी निर्णय होना बाकी है। इसको लेकर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ( Shanti Dhariwal ) अफसरों के साथ दो बैठकें भी कर चुके हैं। अब इसका अंतिम मसौदा तैयार हो रहा है। धारीवाल का कहना है कि ऐसा कई बार हुआ है, जबकि एक ही लोकेशन वाली निजी कॉलोनी और सरकारी कॉलोनी में से निजी कॉलोनी के भूखंड आसानी से बिक गए और सरकारी कॉलोनी के भूखंड की नीलामी नहीं हो सकी। इसका सबसे बड़ा कारण आरक्षित दर अधिक होना रहा है। ऐसे में जहां इस दर को कम करने की जरूरत होगी, वहां इसे कम किया जा सकेगा।
सस्ता हो सकता है मकान बनाने का सपना
सरकार के इस कदम से सरकारी कॉलोनियों में पहले के मुकाबले कम आरक्षित दर पर नीलामी शुरू की जा सकेगी। ऐसा होने से लोगों के मकान बनाने का सपना सस्ता हो सकता है। विधानसभा में धारीवाल यह कह चुके हैं कि नीलामी के लिए आरक्षित दर कम होने से लोगों को सस्ती जमीन मिल सकेगी।

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