अगस्त के पहले पहले सप्ताह से सदस्यता अभियान शुरू किया जा सकता है। एनएसयूआई से जुड़े सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार होने के बाद ये निर्णय लिया गया है कि विद्यार्थियों की समस्याएं और उनके लिए आंदोलन करने के साथ ही अब एनएसयूआई आम जनता के बीच भी जाकर कांग्रेस पार्टी की रीति नीति, सिद्धांतों और और विचारधारा का प्रचार प्रसार करने का काम भी करें।
जिताऊ प्रत्याशी उतारेगा एनएसयूआई
प्रदेश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में आगामी दिनों में होने वाले छात्रसंघ चुनावों को लेकर भी एनएसयूआई ने तैयारियां तेज कर दी है। जिताऊ और जनाधार वाले छात्र नेताओं के बारे में लगातार फीडबैक लिया जा रहा है, बताया जाता है कि छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई उन ही चेहरों पर दांव खेलगा जो चुनाव जीतने की स्थिति में हो।
जिताऊ चेहरों की तलाश के लिए शीघ्र ही पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जा सकते हैं। जिताऊ चेहरों को लेकर फीडबैक के आधार पर पहले प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में मंथन होगा, फिर उसके बाद नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजा जाएगा।