बंशीधर पंचाग के निर्माता पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक ग्रहों के राजा सूर्य के अपने गुरुदेव बृहस्पति की दोनों राशियां धनु और मीन में प्रवेश के बाद सूर्य प्रभावहीन हो जाते हैं और शास्त्रानुसार सृष्टि से सूर्य के प्रवाह में ही मांगलिक किए जाते हैं और इन दोनों राशियों में सूर्य के प्रवेश के समय मलमास लग जाता है। इस कारण से शुभ कार्य संपन्न नहीं होते हैं। परंतु इस बीच सूर्य उपासना के साथ ही दान पुण्य, पवित्र नदियों के संगम में स्नान करना, भागवत, गीता, रामायण आदि ग्रंथों का वाचन करने से कष्टों से छुटकारा मिलने के साथ ही विशेष फल मिलता है।
सूर्य के धनु राशि में आने के साथ ही कर्क, तुला, कुंभ राशि के जातकों के लिए एक महीने शुभ रहेगा, क्योंकि सूर्यदेव धनु राशि में होने से तीसरे, छठे और 11 वें भाग में रहेंगे, जो कि सूर्य की स्थिति में श्रेष्ठता दर्शाते हैं।