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कुलाहें मुबारक(टोपी) हजरत इमाम हुसैन की अकीदतमंदों ने की जियारत

locationजयपुरPublished: Sep 20, 2018 11:23:54 pm

Submitted by:

Harshit Jain

— 1876 में अफगानिस्तान के बादशाह ने हकीम मोहम्मद सलीम खां को कुलाह की थी भेंट

jaipur

कुलाहें मुबारक(टोपी) हजरत इमाम हुसैन की अकीदतमंदों ने की जियारत

जयपुर. मोहर्रम के मौके पर गुरुवार को अकीदतमंदों ने जौहरी बाजार हल्दियों का रास्ता ऊंचा कुआ स्थित सलीम मंजिल में कुलाहे मुबारक टोपी की जियारत की और फातेहा पढ़ी। इस दौरान अकीदतमंदों को तबर्रुक भी बांटा गया। कुलाहे मुबारक हजरत इमाम हुसैन ट्रस्ट की ओर से शाम ६ बजेे से जियारत के लिए रखी गई। इस दौरान हवेली के कमरे को इत्र और गुलाबों से महकाया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष नसीमुद्दीन खां प्यारे मियां ने बताया कि 1876 में भारत के नामी हकीम मोहम्मद सलीम खां ने यह धरोहर बतौर नजराना दी थी। जो हकीम मोहम्मद सलीम खां ने अफगानिस्तान के युवराज का इलाज किया था। तब 20 दिन युवराज का सलीम मंजिल में उनका निवास रहा था। इस कलाएं मुबारक के साथ इस का मूल प्रमाण पत्र सनद भी यहां है। तब से इसे सलीम मंजिल में कांच की पेटी में सुरक्षित रखा गया। सालभर में इस ऐतिहासिक धरोहर को 24 घंटे के लिए मोहर्रम से पहले जियारत की जाती है। जियारत के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति, देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और केन्द्रीय मंत्री आ चुके हैं। वहीं सुरक्षित करने के लिए जल्द ही हॉल का निर्माण भी करवाया जाएगा। ताकि श्रद्धालुओ को जियारत करने में कोई दिक्कत न हो। हजरतमुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम की 9 तारीख गुरुवार को कत्ल की रात के दौरान कई महीनों की मेहनत से तैयार ताजिए आधी रात बाद मातमी धुनों के बीच मोहल्लों से निकले और बड़ी चौपड़ पहुंचे। शहर भर के ताजियों की चकाचौंध और खूबसूरती से बड़ी चौपड़ जगमगा उठी। शुक्रवार को मोहर्रम का योमे आशूरा मनाया जाएगा। लोग रोजे रखेंगे, इबादत करेंगे, गरीबों को खाना खिलाएंगे और दान-दक्षिणा करेंगे। उधर सभी माेहल्लों के ताजियों का बड़ी चौपड़ पर प्रदर्शन किया जाएगा और उसके बाद शाम को इन ताजियों को करबला में सुपुर्दे खाक कर दिया जाएगा।

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