चीन की संदिग्ध हरकतों को देखकर भारत ने भी सीमा पर नए नए हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है। भारतीय सेना लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में चीन से निपटने के लिए रूस में बने लाइटवेट स्प्रुट-एसडी टैंक को खरीदने पर विचार कर रही है। इतना ही नहीं, इजरायल से खरीदे गए चार हेरोन टीपी ड्रोन को भी निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा।
रूस का स्प्रुट-एसडी टैंक वजन में काफी हल्का है। इस कारण पहाड़ी इलाकों में आसानी से पहुंचाया जा सकता है। हल्का होने के बावजूद इस टैंक की मारक क्षमता काफी ज्यादा है। इसमें 125 एमएम की गन लगी हुई है, जिसे रिमोट कंट्रोल के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है।
भारतीय सेना ने दक्षिण कोरिया की तकनीकी पर बनी के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर की लद्दाख में तैनाती की है। चीन ने भी इसके जवाब में पहले से ही 155 एमएम कैलिबर की पीसीएल-181 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर तैनात कर रखा है।
चीन ने एलएसी पर पीएचएल-33 लॉन्ग-रेंज मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को तैनात किया है। रिपोर्ट के अनुसार, नए पीएचएल-3 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स की 10 यूनिट को लद्दाख के नजदीक तैनात किया गया है। जबकि, इसके जवाब में भारत की तरफ से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को तैनात किया गया है।
चीन ने भारत के चिनूक ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर के जवाब में अपने जेड-20 हेलिकॉप्टर को तैनात किया है। चीन का दावा है कि यह हेलिकॉप्टर किसी भी मौसम में सैनिकों और सैन्य साजो सामान को पहुंचा सकता है। इसके अलावा जेड-8जी विशाल ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर भी तैनात किया गया है।
भारत के अपाचे के जवाब में चीन ने लद्दाख में जेड-10 ए अटैक हेलिकॉप्टर को तैनात किया हुआ है। पिछले साल चीन ने इस हेलिकॉप्टर के लाइव फायर ड्रिल को भी आयोजित किया था। जेड-10 हेलिकॉप्टर को मुख्य रूप से दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने के लिए विकसित किया गया है। इस हेलिकॉप्टर में गनर आगे की सीट पर जबकि पायलट पीछे की सीट पर बैठा रहता है।
चीन ने लद्दाख में टाइप-15 लाइट टैंक को तैनात किया हुआ है। ये टैंक पठारी क्षेत्रों में तेजी से प्रतिक्रिया कर लड़ाई को घातक बना सकते हैं। भारत ने लद्दाख में जिन टी-90 टैंकों की तैनाती की हैं, वे रूस में बने हैं। भारत के बेड़े में करीब साढ़े 4 हजार टैंक हैं।