एयरपोर्ट पर एप्रन की संख्या के मुताबिक ही उड़ानों की सुविधा मिलती है। अधिक स्टैंड हों तो रात को अधिक विमान खड़े किए जा सकते हैं। इससे सुबह के समय लोगों को अधिक कनेक्टिविटी मिलती है। कोहरे के कारण जब विमानों को डायवर्ट करना पड़ता है तो अधिक स्टैंड वाले एयरपोर्ट उस समय सुविधापूर्ण साबित होते हैं।
2019 तक पूरा होगा निर्माण
नए पार्किंग स्टैंड में से आधे का निर्माण शुरू हो चुका है। सभी कार्य इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट निदेशक जेएस बलहारा ने बताया, टर्मिनल-2 के नए आगमन और प्रस्थान भवन, टर्मिनल-1 के नवीनीकरण, समानान्तर टैक्सी ट्रैक का निर्माण जारी है। व्यस्ततम समय में पांच हजार यात्रियों के लिए 1.25 लाख वर्गमीटर में टर्मिनल विस्तार की भी योजना है। नए पार्किंग स्टैंड से प्रतिघंटे 18 विमानों की हैंडलिंग की जा सकेगी। रात्रि एवं ऑपरेशन के दौरान विमानों की पार्किंग भी पूरी होगी।
नए पार्किंग स्टैंड में से आधे का निर्माण शुरू हो चुका है। सभी कार्य इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट निदेशक जेएस बलहारा ने बताया, टर्मिनल-2 के नए आगमन और प्रस्थान भवन, टर्मिनल-1 के नवीनीकरण, समानान्तर टैक्सी ट्रैक का निर्माण जारी है। व्यस्ततम समय में पांच हजार यात्रियों के लिए 1.25 लाख वर्गमीटर में टर्मिनल विस्तार की भी योजना है। नए पार्किंग स्टैंड से प्रतिघंटे 18 विमानों की हैंडलिंग की जा सकेगी। रात्रि एवं ऑपरेशन के दौरान विमानों की पार्किंग भी पूरी होगी।