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जयपुर

नीट 2019 की मॉप-अप राउंड काउंसलिंग पर हाईकोर्ट की रोक

हाईकोर्ट(High Court) ने नीट-2019(NEET) के जरिए एमबीबीएस में एडमिशन के मामले में मेडिकल कॉलेजों में शनिवार व रविवार को होने वाले मॉप-अप राउंड की काउंसलिंग (Mop-Up Round Counselling )पर रोक(Stay) लगा दी है और मामले की सुनवाई(Hearing) 19 अगस्त को रखी है। अदालत ने यह अंतरिम निर्देश शुक्रवार को प्रद्युमन मांडिया व अन्य की याचिकाओं पर दिया।

जयपुरAug 17, 2019 / 02:24 am

sanjay kaushik

नीट 2019 की मॉप-अप राउंड काउंसलिंग पर हाईकोर्ट की रोक

नीट 2019 की मॉप-अप राउंड काउंसलिंग पर हाईकोर्ट की रोक

-एमबीबीएस में एडमिशन का मामला

-हाईकोर्ट में मामले पर सुनवाई 19 अगस्त को

जयपुर। हाईकोर्ट(High Court) ने नीट-2019(NEET) के जरिए एमबीबीएस में एडमिशन के मामले में मेडिकल कॉलेजों में शनिवार व रविवार को होने वाले मॉप-अप राउंड की काउंसलिंग (Mop-Up Round Counselling )पर रोक(Stay) लगा दी है और मामले की सुनवाई(Hearing) 19 अगस्त को रखी है। अदालत ने यह अंतरिम निर्देश शुक्रवार को प्रद्युमन मांडिया व अन्य की याचिकाओं पर दिया।
-ऑनलाइन होने से अनियमितता

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि नीट के पहले राउंड के बाद दूसरे राउंड की काउंसलिंग ऑफलाइन होनी चाहिए थी। लेकिन काउंसलिंग ऑनलाइन हुई और इसमें अनियमितता हुई। इससे ऐसे कई अभ्यर्थियों ने सीटों को ब्लॉक कर दिया जो कि पहले ही दूसरी जगह पर एडमिशन ले चुके थे। इस कारण मॉप-अप राउंड में सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों की 705 सीटें खाली रह गईं।
-एसएमएस में भी बचीं 20 सीटें

इतना ही नहीं एसएमस मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में भी मॉप-अप राउंड के लिए 20 सीटें बच गईं। ऐसा होने के कारण पीछे वरीयता वाले अभ्यर्थी भी उच्च वरीयता वाले अभ्यर्थियों से या तो आगे निकल गए या समान आ गए। इसलिए दूसरी काउंसलिंग में जो अनियमितता हुई है उसे सुधारा जाए और काउंसलिंग को नए सिरे से किया जाए।
-प्रधान सचिव मेडिकल एजुकेशन ने रखा पक्ष

सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रधान सचिव मेडिकल एजुकेशन हेमंत गेरा को बुलाया और मॉप-अप की प्रक्रिया के संबंध में पक्ष रखने के लिए कहा। सरकार ने कहा कि उन्होंने काउंसलिंग में पूरी पारदर्शिता बरती रखी थी, ताकि अपात्र खुद ही बाहर हो जाएं।
—एमसीआई से समय सीमा बढ़ाने का आग्रह

सरकार ने एमसीआई से भी समय सीमा बढ़ाने के लिए आग्रह किया है। जबकि प्रार्थी पक्ष की ओर से कहा कि दूसरी काउंसलिंग दोषपूर्ण थी, इसलिए दूसरी काउंसलिंग पुन: करवाई जाए।
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-2.5 लाख से 22 लाख हो गया खर्चा
नीट काउंसलिंग बोर्ड ने भी दोनों काउंसलिंग ऑनलाइन कराने का सुझाव दिया था। पहले एक काउंसलिंग ऑनलाइन और एक ऑफ लाइन करवाने पर 2.5 लाख रुपए का खर्चा आता था। अब आउटसोर्स के जरिए दोनों काउंसलिंग पर 22 लाख रुपए का खर्चा आया है।
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