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mystery: आखिर खुल गया आत्मा का रहस्य!

locationजयपुरPublished: Sep 09, 2019 10:43:29 am

Submitted by:

sangita chaturvedi

mystery: आखिर खुल गया आत्मा का रहस्य!

mystery: आखिर खुल गया  आत्मा का रहस्य!

mystery: आखिर खुल गया आत्मा का रहस्य!

mystery: रिसर्च में खुलासा, आत्मा कभी मरती नहीं

मृत्यु के बाद आत्मा ब्रह्मांड में चली जाती है वापस
भौतिकी और गणित के दो वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद किया दावा


ये तो आपने सुना होगा कि आत्मा अजर अमर है…लेकिन अब एक बड़ी खबर ये है कि साइंस में भी ऐसा दावा किया जा रहा है…. जी हां एक लंबे शोध के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि आत्मा कभी मरती नहीं… दावा किया है कि आत्मा अजर अमर है… केवल शरीर नष्ट होता है.. आत्मा नहीं… गौरतलब है कि भौतिकी और गणित के दो वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद दावा किया है कि आत्मा कभी मरती नहीं है, सिर्फ शरीर मरता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मृत्यु के बाद आत्मा ब्रह्मांड में वापस चली जाती है, लेकिन इसमें निहित सूचनाएं कभी नष्ट नहीं होती हैं। ऑक्सफ ोर्ड यूनिवर्सिटी के गणित व भौतिकी के प्रोफेसर सर रोगर पेनरोज और यूनिवर्सिटी ऑफ एरीजोना के भौतिकी वैज्ञानिक डॉ. स्टुअर्ट हमरॉफ ने करीब दो दशक के शोध के बाद ये निष्कर्ष निकाला है… दोनों वैज्ञानिकों ने इस विषय पर छह शोधपत्र प्रकाशित किए हैं। इस पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई है जो जल्द ही प्रसारित होने वाली है। अब आपको इसकी थ्योरी समझाते हैं… दरअसल ये क्वाटंम सिद्धांत पर आधारित है…वैज्ञानिकों का यह शोध भौतिकी के क्वाटंम सिद्धांत पर आधारित हैं। इसके अनुसार आत्मा चेतन दिमाग की कोशिकाओं में प्रोटीन से बनी नलिकाओं में ऊर्जा के सूक्ष्म स्रोत अणुओं एवं उपअणुओं के रूप में रहती है। सूचनाएं इन्हीं सूक्ष्म कणों में संग्रहित रहती हैं। मानव मस्तिष्क एक जैविक कंप्यूटर की तरह है… शोधकर्ताओं का ऐसा कहना है… उनका कहना है कि इस जैविक कंप्यूटर का प्रोग्राम चेतना या आत्मा है जो मस्तिष्क के अंदर मौजूद एक क्वांटम कंप्यूटर के जरिये संचालित होती है। क्वांटम कंप्यूटर से तात्पर्य मस्तिष्क की कोशिकाओं में स्थित सूक्ष्म नलिकाओं से है जो प्रोटीन आधारित अणुओं से निर्मित हैं।
बड़ी संख्या में ऊर्जा के ये सूक्ष्म स्रोत अणु मिलकर एक क्वाटंम स्टेट तैयार करते हैं जो वास्तव में चेतना या आत्मा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब कोई दिमागी रूप से मृत होने लगता है तब ये सूक्ष्म नलिकाएं क्वांटम स्टेट खोने लगती हैं। सूक्ष्म ऊर्जा कण मस्तिष्क की नलिकाओं से निकल ब्रह्मांड में चले जाते हैं। कभी मरता इंसान जिंदा हो उठता है, तब ये कण वापस सूक्ष्म नलिकाओं में लौट जाते हैं। शोध में यह भी दावा किया गया है कि सूक्ष्म ऊर्जा कणों के ब्रह्मांड में जाने के बावजूद उनमें निहित सूचनाएं नष्ट नहीं होती। क्वाटंम सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिक मैक्स प्लंक के नाम पर म्यूनिख में प्लंक इंस्टीट्यूट है, वहां के वैज्ञानिक हेंस पीटर टुर ने भी इसकी पुष्टि की है।
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