इसके बाद सरकार ने नगरीय विकास मंत्री धारीवाल को पुर्नविचार का जिम्मा सौंपा। धारीवाल अब तक कई मंत्रियों,विधायकों के साथ नगर निकायों का चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से वार्ता कर चुके है। फिलहाल कोई निर्णय नहीं हो सका है।
कांग्रेस के एक वर्ग का कहना है कि यदि अब सरकार अपने कदम पीछे लेती है तो इससे कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में माहौल बन सकता है। भाजपा भी इसे मुददा बना सकती है।
कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में माहौल बना हुआ है। सीधे चुनाव में कांग्रेस को हार मिल सकती है। लेकिन अप्रत्यक्ष चुनाव होने से कई जगह बहुमत भी आ सकता है। हांलाकि कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में होने वाली केबिनेट बैठक में निकायों के प्रमुखों के चुनाव अप्रत्यक्ष कराने को लेकर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की रिपोर्ट पर मुहर लग सकती है।
कांग्रेस के एक वर्ग का कहना है कि यदि अब सरकार अपने कदम पीछे लेती है तो इससे कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में माहौल बन सकता है। भाजपा भी इसे मुददा बना सकती है।
कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में माहौल बना हुआ है। सीधे चुनाव में कांग्रेस को हार मिल सकती है। लेकिन अप्रत्यक्ष चुनाव होने से कई जगह बहुमत भी आ सकता है। हांलाकि कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में होने वाली केबिनेट बैठक में निकायों के प्रमुखों के चुनाव अप्रत्यक्ष कराने को लेकर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की रिपोर्ट पर मुहर लग सकती है।