गायब होने के कगार पर दुनिया का सबसे लोकप्रिय केला
जयपुरPublished: Aug 18, 2019 05:12:19 pm
अब केवेंडिश केले पर फंगस का घातक हमला, पनामा बीमारी से पहले ही दुनिया से गायब हो चुका ग्रोस मिशेल केला
दुनिया के सबसे बड़े केला फार्म पर घातक फंगस का हमला होने के बाद कोलंबिया ने राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दी है। इस फार्म की मिट्टी में केलों की प्राणलेवा फंगस के पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। यह फंगस फुसारियम ऑक्सीस्पोरम की एक नस्ल है, जिसे ट्रॉपिकल रेस4 यानी टीआर4 कहा जाता है। इस नस्ल को सबसे पहले ताइवान में खोजा गया था। कोलंबिया में घुसने से पहले यह फंगस पहले ही ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, भारत और लेबनान में दो दशकों से ज्यादा समय तक फसलों को तबाह कर चुकी है। मिट्टी में घर बनाने वाली इस फंगस की वजह से एक खतरनाक बीमारी पनामा होती है, जो केलों की जड़ों को संक्रमित कर देती है, जिससे जड़ें मिट्टी से पानी और दूसरे पोषक तत्व अवशोषित नहीं कर पातीं। टीआर4 मिट्टी में सालों तक सुसुप्त अवस्था में रहता है, इसलिए एक बार संक्रमण का पता लग जाता है तो यह जानना मुश्किल हो जाता है कि यह नुकसान कितना ज्यादा होगा। कोलंबियाई वैज्ञानिक फर्नानडो ग्रेसिया बासटिडास के मुताबिक, जहां तक मुझे पता है, आईसीए(इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस) और किसान संतोषप्रद काम कर रहे हैं लेकिन इस फंगस को जड़ से खत्म करना असंभव है। यह फंगस कोलंबिया के प्रोविंस ला गुआजिरा में 180 हेक्टेयर में पाई गई थी, जिसके पास किसानों को पूरी फसल को नष्ट करने और 40 दिन किसी भी तरह से पेड़-पौधे उगाने से मना करने का आदेश दिया गया था। दक्षिण अमरीका में इस फंगस की उपस्थिति केवेंडिश केले को समूल नष्ट करने में सक्षम है। यह केला पूरी दुनिया में बड़े चाव से खाया और उगाया जाता है। नेशनल ज्योग्राफिक की एक रिपोर्ट के अनुसार केले की ओर कोई ऐसी नस्ल नहीं है, जो केवेंडिश का स्थान ले सके। फिर केले में वंशानुगत विविधता का अभाव होता है, जिसके कारण यह आसानी से लुप्तप्राय हो जाता है। कई सालों तक अमरीका और यूरोप में ग्रोस मिशेल के बाद केवेंडिश केला लोकप्रियता के हिसाब से दूसरे स्थान पर था। करीब 100 साल पहले पनामा बीमारी ने ही ग्रोस मिशेल को खत्म कर दिया। वैज्ञानिक यह मानते रहे थे कि केवेंडिश पर पनामा का कोई असर नहीं होता है इसलिए इसे ग्रोस मिशेल के स्थान पर चुना गया। आंकड़ों के मुताबिक, केवेंडिश दुनिया भर में उगाए जाने वाले केलों का आधा हिस्सा है और ये सारे केले यूरोप, अमरीका और यूके द्वारा आयात कर लिया जाते हैं।