वेंडर्स के सामने ये दिक्कत शहर मेंं 800 वेंडर्स में से 60 फीसदी उम्रदराज हैं। यानी वे वर्षों से स्टाम्प बेचने का काम कर रहे हैं। इनमें से कई स्मार्टफोन का इस्तेमाल भी नहीं करते। ऐसे में ये वेंडर्स मोबाइल पर स्टाम्प ऑनलाइन नहीं बेच पा रहे। इनकी मांग है कि रजिस्ट्रर में ऑफलाइन रिकॉर्ड रखकर बाद में मोबाइल में फीड कर दिया जाए।
फायदा यह स्टाम्प बेचने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसका बड़ा फायदा यह है कि स्टाम्प बैकडेट से नहीं बेचे जा सकते। स्टाम्प खरीदने वाले रिकॉर्ड ऑनलाइन फीड किया जाएगा। इसमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता।
यह हो रहा असर लोगों को आसानी से स्टाम्प नहीं मिल पा रहे हैं। सबसे अधिक समस्या कलक्ट्रेट में हो रही है। यहां पर 50 से अधिक वेंडर हैं, जिनमें से अधिकतर ने काम बंद कर रखा है। ऐसे में रजिस्ट्री, मूल निवास, जाति प्रमाण, ईडब्ल्यूएस सहित अन्य प्रमाणपत्रों में समस्या हो रही है।
सरकार ने नई व्यवस्था तो शुरू कर दी लेकिन इसमें कुछ छूट भी देनी चाहिए। रजिस्ट्री के काम में भी स्टाम्प की कमी हो रही है। -अखिलेश जोशी, महासचिव, दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन
एक स्टाम्प को देने में 20 मिनट लग रहे हैं। अगर नेटवर्क और सर्वर की दिक्कत आ जाए तो 30 से 45 मिनट लग जाते
हैं। इससे स्टाम्प के लिए लोगों को परेशानी हो रही है। हमें स्टाम्प ऑफलाइन बेचने की भी छूट देनी चाहिए। –महेश झालानी, सचिव, राजस्थान लाइसेंस स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन
हैं। इससे स्टाम्प के लिए लोगों को परेशानी हो रही है। हमें स्टाम्प ऑफलाइन बेचने की भी छूट देनी चाहिए। –महेश झालानी, सचिव, राजस्थान लाइसेंस स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन