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कौन है मूल सिंह, जो सोशल मीडिया पर अचानक बन गया हीरो

locationजयपुरPublished: Sep 20, 2018 07:30:05 am

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जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) छात्रसंघ चुनाव में भले ही एबीवीपी के प्रत्याशी मूल सिंह राठौड़ हार गए हों, लेकिन युवाओं में उनकी लोकप्रिय छवि बन गई है। मूल सिंह इन दिनों सोशल मीडिया में खासे चर्चित हैं। हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है। युवाओं की इसी जिज्ञासा को शांत करने के लिए राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम ने मूल सिंह से जीवन के हर पहलू पर खुलकर बातचीत की।
कौन है मूल सिंह
एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाला मूल सिंह जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के सेतरावा गांव का रहने वाला है। उसका जन्म एक जनवरी 1995 को हुआ। मूल सिंह के पिता सेना में सिपाही रह चुके हैं और उनकी माता गृहणी हैं। मूल सिंह तीन भाई बहन (एक भाई दो बहन) हैं। मूल सिंह के पिता का सपना था कि वह भी सेना में जाकर देश की सेवा करें। लेकिन एक दिन एक ऐसी घटना घटी जिसनेे मूल सिंह को छात्र राजनीति जाने के लिए प्रेरित किया।
तीन पीढ़ी ने की देश की सेवा
मूलसिंह के पिता के अलावा उनके दादा और परदादा ने भी सेना में रहकर देश की सेवा की है। इसीलिए उनके पिता चाहते थे कि वह भी सेना में जाकर देश सेवा करे। लेकिन एक दिन उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जो उन्हें छात्र राजनीति में ले आया। मूलसिंह ने बताया कि एक दिन वह दौड़ लगाने जा रहे थे । तभी रास्ते में उन्हें कुछ बच्चे मिल गए। समय पर वाहन नहीं मिलने से बच्चों को परीक्षा के लिए लेट हो रहा था। उस समय मूलसिंह ने अपनी साथियों की मदद से छात्रों को परीक्षा केंद्र पर पहुंचाया। तभी उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें छात्रों की मदद करनी चाहिए और उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखने की ठान ली।
सेना की तैयारी के लिए आए जोधपुर
मूल सिंह ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें सेना भर्ती की तैयारी करने के लिए जोधपुर भेजा था। पिता नहीं चाहते थे कि वह राजनीति में आए, लेकिन 2014 में जब मूल सिंह सचिव बने तो वे बेटे की जिद के आगे हार गए और कह दिया बेटा जा जी ले अपनी जिंदगी। इसके बाद से ही मूल सिंह अध्यक्ष पद की तैयारी में जुट गए। बीए ऑनर्स राजनीति विज्ञान में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके मूलसिंह जेएनवीयू कुश्ती टीम के कप्तान भी रहे हैं। वे पिछले चार साल से अध्यक्ष पद की तैयारी में जुटे हुए थे और इस साल उनका सपना हकीकत में बदलने जा रहा था, लेकिन वे केवल 9 वोट से हार गए।
जानबूझकर मेरे मत खारिज किए और हराया
छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के चार प्रत्याशी थे। अंतिम परिणाम के बाद कुल पड़े 9 हजार 911 वोट में से एबीवीपी के मूलसिंह को 4161, एनएसयूआइ के सुनील चौधरी को 4170, वोट मिले थे। कुल मतों में से करीब 569 मत खारिज कर दिए। मतगणना के दौरान कुल पड़े मतों में से 33 मत गायब थे। एनएसयूआइ के चौधरी को 9 मतों के अंतर से विजेता घोषित किया गया। मूल सिंह का कहना है कि खारिज मतों में से अधिकांश उसके पक्ष के थे। विवि प्रशासन ने जानबूझकर उसके हिस्से के मतों को खारिज कर हराया है।
मूल सिंह का कहना है कि उनको एक ठेका कर्मचारी पर गड़बड़ी करने का संदेह है। वह मत पत्रों के बंडल बना रहा था, जबकि बाहर का कोई शख्स अंदर नहीं आ सकता। मामले को लेकर मूल सिंह सीएम वसुंधरा राजे से भी मिल चुके हैं। इसके बाद सीएमओ की ओर से जेएनवीयू को इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

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