राज्यपाल सिंह ने लोकायुक्त एस एस कोठारी से परामर्श के बाद यह प्रक्रिया शुरु की और इस जांच के बारे में कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है। राज्यपाल को विवि के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में प्रोफेसर पद पर डॉ. राजेश कुमार दुबे की नियुक्ति में अनियमितताओं के बारे में शिकायत मिली हैं। इसमें बताया कि दुबे का एपीआइ स्कोर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्ड़ों से कम है। साथ ही, यह भी सामने आया है कि विवि द्वारा आउट स्टेण्डिंग श्रेणी में नियुक्ति के लिए भी कोई मापदण्ड नहीं थे।
भर्ती में निष्पक्षता के लिए उठाया कदम राज्यपाल सिंह सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता व प्रामाणिकता पर जोर दे रहे हैं और वे विवि में नियुक्तियों में निष्पक्षता व पारदर्शिता को लेकर आ रही शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं।
पहले कुलपति से मांगा स्पष्टीकरण दुबे पहले जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में एचआरडीसी निदेशक पद पर कार्यरत थे, वहां का अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना ही सुखाडि़या विश्वविद्यालय में कार्यग्रहण भी करवा लिया। उन्होंने जयनारायण व्यास विवि से न तो इस्तीफा दिया और न ही वे वहां से रिलीव हुए। अनियमितताओं को लेकर सुखाडि़या विश्वविद्यालय के कुलपति से स्पष्टीकरण भी मांगा गया, लेकिन मामला अत्यंत गंभीर मानते हुए अब जांच लोकायुक्त को भेजने का निर्णय किया गया है।
लोकायुक्त को इन बिन्दुओं पर जांच राज्यपाल ने लोकायुक्त से अपेक्षा की है कि वे सुखाडि़या विवि में दुबे की नियुक्ति प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के बारे में विस्तार से जांच करें। साथ ही, इस बिन्दु पर गहराई से परीक्षण करने को कहा है कि नियुक्ति के संबंध में यूजीसी के नियमों के तहत विवि अधिनियम के प्रावधानों की पालना की गई या नहीं।