जयपुर.भू-माफिया ने जिस सरकारी जमीन के नियमन के लिए नगरीय विकास मंत्री से लेकर जेडीसी तक के जाली हस्ताक्षर कर फाइल तैयार की थी, अब जेडीए उसी भूमि पर कब्जा लेने की तैयारी में है।
सैकड़ों मकान ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गोपालपुरा बायपास, त्रिवेणी नगर के पास द्रव्यवती नदी से सटी जगन्नाथपुरी कॉलोनी में पहले फेज में एेसे डेढ़ दर्जन मकानों को नोटिस दे दिया गया है। इसके अलावा 50 बीघा से ज्यादा जमीन की जांच तेज कर दी है। जोन रिपोर्ट के बाद इस हिस्से पर भी कब्जा लेना शुरू हो जाएगा। 18 फरवरी को कार्रवाई के लिए पुलिस जाप्ता मांगा है। इसकी कीमत अरबों में है, जिसे भूमाफिया ने सरकारी नुमाइंदों से मिल बेच डाला।
अल्टीमेटम से सकते में लोग
अभी तक जिन लोगों को नोटिस जारी किए हैं, वहां खसरा संख्या 453, 460, 461 पर निर्माण हैं। जेडीए प्रवर्तन टीम ने जोन रिपोर्ट के आधार पर निर्माण हटाने का अल्टीमेटम दे दिया है। इससे कॉलोनीवासी सकते में है। यह हिस्सा द्रव्यवती नदी से ठीक सटा हुआ है। लोगों का आरोप है कि राम नगर गृह निर्माण सहकारी समिति ने सरकारी जमीन पर पट्टे देकर हमें ठग लिया। इसमें शिप्रा पथ थाने में मामला दर्ज भी है, जिसमें विजय मेहरा, रामस्वरूप, प्रभुनारायण मेहरा, रामजीलाल का नाम है। सरकारी जमीन बेचने व पट्टे जारी करने वाली सोसायटी पदाधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है, जबकि, लोगों को इन्होंने मोटे दाम में जमीन बेच दी।
जगन्नाथपुरी कॉलोनी सरकारी जमीन पर बसी है। जोन की रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किए हैं। 18 फरवरी को कार्रवाई संभावित है। आगे की रिपोर्ट के आधार पर अन्य को भी नोटिस जारी होंगे।
राजकुमार मीणा, प्रवर्तन अधिकारी, जेडीए
किसी पर कार्रवाई नहीं
कथित भूमाफिया ने राम नगर गृह निर्माण सहकारी समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों से मिलकर जगन्नाथपुरी तृतीय, जगन्नाथपुरी ए-ब्लॉक नाम से आवासीय स्कीम सरकारी भूमि पर बसाई। नियमन के लिए जेडीए कार्यालय में फर्जी पत्रावली पेश कर तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और जेडीसी के जाली हस्ताक्षर कर लिए।
शिप्रा पथ स्थित अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास के पास ग्राम देवरी खसरा नम्बर 440 आरक्षित भूमि का स्वामित्व आवासन मंडल का है, लेकिन जगन्नाथपुरी कॉलोनी के नाम से नियमन के लिए जेडीए ने 26 अप्रेल, 2011 को भूमि का पीटी सर्वे भी करा लिया।
नियमन शिविर की तिथि 25 मई भी तय कर ली। अभियुक्तों की फाइल में नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर से नियमन आदेश थे। एेन वक्त फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही नियमन प्रकिया रोक दी।
इससे पहले जेडीए सांगानेर स्थित प्रताप नगर, मानसरोवर में शिप्रापथ पर आवासन मंडल की जमीन हथियाने, फर्जी फाइल तैयार करने को लेकर दो मामले दर्ज कराए थे।