पहला फैसला :-
मंत्री डोटासरा ने बताया कि पिछली सरकार के समय कई उर्दू शिक्षकों (
urdu teachers ) को ऐसे विद्यालयों में लगा दिया गया जहां नामांकन शून्य था। इस पर राज्य सरकार ने उर्दू विषय के विद्यार्थियों के नामांकन के आंकड़े लेकर बदलाव की पहल की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नए शिक्षा सत्र में उर्दू शिक्षकों (
Rajasthan Urdu Teachers Posting Update ) का ऐसे स्कूलों में ही पदस्थापन किया जाए जहां उर्दू विषय के विद्यार्थी है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने उर्दू विषय के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव करते हुए उर्दू शिक्षकों का गलत पदस्थापन ( Posting ) कर दिया था। उर्दू भाषा के शिक्षक अब उर्दू पढ़ाई वाले विद्यालयों में ही लगेंगे। इससे अब विद्यार्थियों को उर्दू शिक्षकों को फायदा मिलेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री के निर्देश पर शुक्रवार से ही एकीकृत शाला दर्पण पोर्टल पर पृथक से स्टाफ कोर्नर की शुरूआत हुई है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही इस संबंध में घोषणा कर निर्देश दिए थे कि शिक्षकों एवं कार्मिकों की समस्याओं का ऑनलाईन निराकरण किया जाए ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से सेवा संबंधित अपने कार्यों के लिए अधिकारियों, कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
दूसरा फैसला :-
सरकार के दूसरे बड़े फैसले में शुक्रवार को एकीकृत शाला दर्पण पोर्टल (
Shaala Darpan Staff Corner Portal –
RAJ RMSA ) पर स्टाफ कॉर्नर की शुरूआत के साथ ही अब प्रदेश के साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों को छोटे-छोटे कार्यो के लिए अलग-अलग कार्यालयों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब शिक्षक अपनी सेवा संबंधित विभिन्न समस्याएं ऑनलाइन स्टाफ कॉर्नर पर दर्ज करा सकेंगे। इससे उनकी समस्याओं का समाधान भी घर बैठे हो सकेगा।
डोटासरा ने बताया कि
Staff Corner Portel के जरिए शिक्षकों को यह भी पता लग सकेगा कि उनकी शिकायत फिलहाल कौनेसे स्तर पर है। उन्होंने बताया कि तबादले व सेवा रेकार्ड सहित अन्य सूचनाएं भी इस पोर्टल पर मिलेगी। इसके लिए शिक्षक खुद लॉगिन आईडी भी बना सकते है।
तीसरा फैसला :-
शिक्षा राज्य मंत्री ने छात्र हित में निजी स्कूल संचालकों की नई मान्यता व क्रमोन्नति के मामलों में भी बड़ा निर्णय करते हुए उन्हें राहत प्रदान की है। विभाग की बैठक में उन्होंने भूमि रूपान्तरण (
land conversion ) के मामले में शिथिलता प्रदान की है। अब निजी स्कूल संचालकों को पंजीकृत किराएनामे के स्थान पर नोटरी से प्रमाणित कराने पर भी उसकी स्वीकृति मिल सकेगी। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में स्कूल शिक्षा के विशिष्ट शासन सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा व निदेशक प्रांरभिक शिक्षा को सदस्य के तौर पर शामिल किया है। यह कमेटी सत्र 2020-2021 के शुरू होने से पहले राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी।