जब आप जिदंगी और मौत के बीच जूझ रहे होते हैं तो एक डॉक्टर ही है जो आपको सबसे ज्यादा हिम्मत देता हैं ‘ हम आपको बचा लेंगे’ लेकिन ये कैसी मजबूरी कि दूसरों का जीवन बचाने वाले खुद अपना जीवन खत्म कर रहे हैं। सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में रेजीडेंट की मौत के बाद उठा बवाल अभी थमा भी नहीं था की बीकानेर में भी एक छात्रा मे फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकी आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं लग पाया लेकिन अगर यहा भी साक्षी गुप्ता जैसे टॉर्चर करने जैसा मामला सामने आता है तो सवाल खड़े होना लाजमी है क्यो जीवन देने वाले खुद के हत्यारे बन रहे।
सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में रेजीडेंट की मौत के बाद उठे सीनियर्स के टॉर्चर करने जैसे आरोपों के बाद आमजन ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के डॉक्टर संवर्ग में भी आक्रोश फूटा। इसी तरह शनिवार को बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज की भी एक छात्रा ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण जोभी रहा हो लेकिन दवाब कैसा कि आप अपनी जान ही ले रहे हो।
आए दिन ऐसे मामले हमारे सामने आते रहते हैं। उसके बाद प्रदर्शन होते और है कार्रवाई की बात भी कर दी जाती हैं लेकिन सवाल इनके पीछे क्या कारण हैं और क्यों नही हमे धरती के भगवान के बचा नहीं रहे हैं।