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ओम बिरला की विधायकों को सीख, वेल में आने की परम्परा को बंद करें

locationजयपुरPublished: Jul 07, 2019 08:23:11 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

( Rajasthan Assembly ) विधानसभा में विधायकों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम: लोकसभा अध्यक्ष बिरला ( Lok Sabha Speaker Om Birla ) ने किया उद्घाटन

Lok Sabha Speaker Om Birla

ओम बिरला की विधायकों को सीख, वेल में आने की परम्परा को बंद करें

अरविंद सिंह शक्तावत /जयपुर. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ( Lok Sabha Speaker Om Birla ) ने कहा है कि लोकसभा हो या विधानसभा। सदन जितना चलेगा, सरकार की जिम्मेदारी उतनी ही बढेगी। इसलिए सदन में सांसद-विधायक ज्यादा से ज्यादा विषयों पर बोलें, चर्चा करें, वाद-विवाद करें और अपने क्षेत्र की समस्या उठाएं। वेल में आने की परम्परा को बंद करें। अब जनता यह देखती है कि हमारे क्षेत्र की समस्या को कौन उठा रहा है और कितना बोल रहा है।
बिरला विधानसभा सदन में रविवार को विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में शिरकत करने जयपुर आए थे। बिरला ने इस दौरान विधानसभा की नई वेबसाइट और मोबाइल एप का भी लोकार्पण किया।

देश की विधानसभाओं में दी जाती है राजस्थान विधानसभा की नजीर
प्रबोधन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओम बिरला ने कहा कि गर्व है कि इस विधानसभा का सदस्य रहा हूं। राजस्थान विधानसभा ( Rajasthan Assembly ) की नजीर देश की कई विधानसभाओं में दी जाती है। लोकसभा में पहली बार बोला तो यहां की नजीर पेश की। इस विधानसभा में अनुभवी नेता हैं और निर्णय करने वालों को अनुभव होता है तो सदन ठीक चला सकते हैं। हमें विधानसभा को सर्वोच्च् संस्था के रूप में रखना होगा।
दल से उपर उठकर चर्चा होनी चाहिए

बिरला ने कहा कि बजट सत्र के दौरान आठ घंटे लोकसभा में बजट पर चर्चा होती थी, लेकिन मैनें आने के बाद यह चर्चा बारह घंटे कर दी। संसदीय समितियों को लेकर उन्होंने कहा कि क्यों ना बिलों पर समितियों में चर्चा हो। दल से उपर उठकर चर्चा होनी चाहिए। सबको अपने विचार सदन में रखन चाहिए, लेकिन देश प्रदेश को सबसे उपर रखना चाहिए।
वेल में आने से कोई नेता नहीं बनता

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि कोई भी सदस्य वेल में ना आए। वेल में आने से कोई नेता नहीं बनता। देखने में आया कि लोकसभा हो या विधानसभा। नए सदस्य सदन में कम बैठते हैं और पुराने सदस्य दिन भर सदन में बैठते हैं।

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