रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या काफी अधिक है। अक्सर विदेशों में वहां के कानूनों के उल्लंघन के आरोप में भारतीय नागरिक पकड़े जाते रहे हैं। जान-पहचान नहीं होने के चलते ऐसे भारतीयों को कानूनी मदद लेने में भी दिक्कत आती है। इस मसले को लेकर सीकर से सांसद सुमेधानंद सरस्वती ( MP Sumedhanand Saraswati ) ने लोकसभा (
loksabha ) में बुधवार को सवाल भी किया। इसके जवाब में केन्द्र सरकार ने माना है कि भारतीय नागरिक विदेशों में उत्पीडऩ का शिकार होते रहे हैं।
वर्तमान में 8189 भारतीय नागरिक विदेशों में बंदी बने हुए हैं। हालांकि सरकार ने अनेक देशों के साथ सजायाफ्ता कैदियों के अंतरण के बारे में करार किए हैं। सरकार के प्रयास से विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सजा माफ कर दी गई या फिर उसे बदल दिया गया है। 2016 से अब तक खाड़ी क्षेत्र के देशों से 3087 भारतीय नागरिकों के साथ ऐसा किया जा चुका है।
कई देश नहीं देते जानकारी
केन्द्र सरकार ने यह भी कहा है कि कई देशों में निजता कानून कड़े हैं। इसके चलते ऐसे देशों के अधिकारी बंदियों के संबंध में जानकारी बंदियों की सहमति के बिना नहीं देते हैं। इसके अलावा जानकारी साझा करने वाले देश भी बंदियों की आधी-अधूरी जानकारी देते हैं, जिससे उनकी मदद में सरकार को समस्या होती है।
टॉप 10 देश जहां अधिक संख्या में भारतीय नागरिक जेलों में बंद सऊदी अरब 1811, संयुक्त अरब अमीरात 1392, नेपाल 1160, यूएसए 689, मलेशिया 576, कुवैत 511, चीन 270, कतर 257, इटली 242, बहरीन 134