आपको बता दें कि राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दलों की घुसपैठ मई महीने से जारी है। तब से लगातार सीमावर्ती जिलों के साथ अन्य कई स्थानों पर टिड्डी दलों का आतंक बना हुआ है। टिड्डी दल किसानों की फसल चट कर उसे बर्बाद कर रहे हैं। ग्वार, नरमा, मूंगफली, बाजरा समेत अन्य कई उपजों को टिड्डी दलों से नुकसान हो रहा है। पाकिस्तान बोर्डर से सटे श्रीगंगानगर जिले में किसान टिड्डी दलों के फसलों पर जारी हमलों से काफी परेशान हैं। जिले के सूरतगढ ब्लॉक की गांव हिजरासर के खेतों में बड़ी संख्या में टिड्डी दलों ने डेरा जमा रखा है। कई स्थानों पर टिड्डी नियंत्रण दलों के पहुंचने के अभाव में किसान अपने स्तर पर ही टिड्डी दलों से मुकाबला कर रहे हैं। इसके लिए किसान परिवार थाली, पीपा समेत अन्य बर्तन बजाकर, पटाखे चलाकर धूंआ और आवाज करके अन्य कई उपायों के जरिए टिड्डी दलों को खेत से भगाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। यहां मूंगफली, नरमा और ग्वार की फसल पर बैठ टिड्डी दलों उसे चौपट कर रहे हैं। इतना ही नहीं, सूरतगढ़ उपखंड की ग्राम पंचायत बख्तावरपुरा के चक एक बीकेएम, दो बीकेएम, हिजरासर, राजाणा, एक आरजेएम, एक डीओ ए समेत अन्य चकों में टिड्डी दल फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मई से शुरू हो गई थी घुसपैठ
आपको बता दें कि पाकिस्तान से सटे राजस्थान के सरहदी जिलों में मई से टिड्डी दलों की घुसपैठ हो रही है। सबसे पहले जैसलमेर में टिड्डी झुंड ने खेतों पर हमला बोलना शुरू किया था, तब से सरहदी जिलों में टिड्डी की समस्या का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर यहां कीटनाशकों का छिड़काव कर टिड्डी नियंत्रण की कोशिश भी की जा रही है। लेकिन पाकिस्तान टिड्डी दलों को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है और वहां से राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तान से पहुंच रहे टिड्डी दलों ने आतंक मचा रखा है। पाकिस्तान में कीटनाशक खत्म हो जाने से भी वहां टिड्डी दलों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। आइए आपको दिखाते हैं टिड्डी दलों के आतंक पर चौपट हो रही फसल के बारे में किसानों का क्या कुछ कहना है।