बुधवार को राज्य के सभी जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की वीसी में जैन ने निर्देश दिए कि चिन्हित गांवों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन की गतिविधियाें की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निरन्तर समीक्षा करें, जिससे लक्ष्य पूरे किए जा सकें। जैन ने पंचायत राज की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हिदायत दी कि लापरवाही, मॉनिटरिंग की कमी या काम नहीं करने के कारण योजनाओं के बजट में कमी आती है, तो इसके लिए कार्मिकों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने एसबीएम ग्रामीण के विविध घटकाें की समीक्षा करते हुए कहा कि 15 नवम्बर, 2022 तक उन गांवों की पहचान की जाए , जिनमें सम्बन्धित सभी गतिविधियां पूरी कर उन्हें ओ.डी.एफ.प्लस की किसी भी श्रेणी में सम्मिलित किया जा सके।
पंचायत राज विभाग की विभिन्न योजनाओं की जिलेवार और ब्लॉकवार समीक्षा करते हुए शासन सचिव ने कहा कि यह विभाग ग्रामीण जन के कार्यों से सीधा जुड़ा है। उन्होंने योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के लिए अच्छा काम करने वाले अधिकारियों का उत्साह बढाया एवं लक्ष्यों में पिछड़ने वाले अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि लापरवाही, मॉनिटरिंग की कमी या काम नहीं करने के कारण योजनाओं के बजट में कमी आती है, तो इसके लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी। उन्होंने मिनी सचिवालय, अम्बेडकर भवन निर्माण, नव सृजित ग्राम पंचायत एवं पंचायत समितियों के भवन निर्माण सहित विभिन्न कार्याें की इस वीसी में समीक्षा कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
पंचायती राज विभाग के सभागार में हुई इस वीसी में विभिन्न जिलों से जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विकास अधिकारी, अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, लेखाधिकारी, संबंधित योजना प्रभारी, अभियन्ता ने भाग लिया एवं मुख्यालय पर पंचायती राज एवं स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी शामिल हुए।