जानकारी के अनुसार जयपुर विकास प्राधिकरण में ऊर्जा संरक्षण एवं बचत के विषय पर जेडीए अधिकारियों—कर्मचारीयों की कार्यशाला हुई। जिसमें इइएसएल के चीफ जनरल मैनेजर जसपाल सिंह ने बताया कि एलइडी लाइट्स के कारण बिजली की बचत का आंकड़ा इतना है कि उसे देखकर हर कोई हैरान होता है। बीते 5 साल में 8,500 मेगावॉट बिजली की बचत सिर्फ एलइडी बल्ब और लाइट्स से हुई है। इसके कारण 42,500 करोड़ रूपए बचे हैं। जब एलइडी लाइट्स लगना शुरू हुई थी, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इतना बड़ा बदलाव आएगा। यदि ऊर्जा संरक्षण एवं बचत के लिए प्रत्येक व्यक्ति एवं संस्था को जागरूक किया जाए, तो बिजली बचत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
जसपाल ने बताया कि दुनिया में जो पेट्रोल-डीजल उपलब्ध है, दुनिया में वो सिर्फ 45 साल तक ही उपयोग लाया जा सकेगा। परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोत कोयला, गैस और तेल आदि भी 200 सालों तक ही उपलब्ध रहेंगे। इसलिए हमें अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों सोलर, वायु एवं हाइड्रो पर जाना होगा। यदि हम ऊर्जा का संरक्षण एवं बचत नहीं करेंगे और उर्जा नवीनीकरण संसाधनों का प्रयोग नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए विकराल समस्या बन जाएगी।
इइएसएल के चीफ जनरल मैनेजर ने बताया कि 9 वाॅट के एक एलइडी बल्ब की लागत पहले 350 रूपए आती थी, जो अब घटकर 35-40 रूपए हो गई है। 9 वाॅट की एलईडी बल्ब की रोशनी 100 वाॅट के साधारण बल्ब के समान ही होती है। कार्यशाला में पुराने पंखे, लाइट्स, एयर कंडीशनर और मोटर्स समेत अन्य उपकरणों को एनर्जी इफिशिएसी उपकरणों से बदलने के फायदे भी बताए।