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खेत में ‘जुगाड़’ से जुताई…स्कूटर स्क्रैप से किसान ने बनाई मशीन

locationजयपुरPublished: Aug 25, 2019 06:50:04 pm

Submitted by:

rajendra sharma

कहते हैं ईश्वर की रचनाओं में सबसे बुद्धिमान मनुष्य ( Human ) है। मनुष्य के निरंतर आविष्कारों ( Invention ) से यह बात सही भी साबित होती है। और तो और, इनसान ने अपनी जरूरत के लिए पुरानी मशीन या यंत्र जोड़—जाड़ कर नई मशीन ‘जुगाड़’ ( Jugad ) का इजाद कर दिया। देखिए खेती में जुताई ( Plowing ) के लिए भी जुगाड़ बना डाला। झारखंड के एक किसान ने पुराने स्कूटर इंजन का इस्तेमाल कर खेत जोतने वाला यंत्र बना लिया। इसे लेकर इस किसान की चर्चा न केवल पूरे क्षेत्र में हो रही है। इतना ही नहीं, उसे इस यंत्र को बनाने के ऑर्डर भी मिल रहे हैं।

खेत में 'जुगाड़' से जुताई...स्कूटर स्क्रैप से किसान ने बनाई मशीन

खेत में ‘जुगाड़’ से जुताई…स्कूटर स्क्रैप से किसान ने बनाई मशीन

झारखंड राज्य ( Jharkhand ) के हजारीबाग ( Hazaribag ) जिले के उच्चघाना गांव के 33 वर्षीय किसान महेश करमाली ( Mahesh Karmali ) ने खेती में परेशानी से निजात पाने के लिए ‘जुगाड़ तकनीक’ का सहारा लेने की सोची। कुछ ही समय में महेश ने एक पुराने स्कूटर के इंजन ( Scooter Engine ) का प्रयोग कर खेत जुताई का यंत्र बना खेत में जुताई कार्य शुरू भी कर दिया। उन्होंने अपने इस नवाचार का नाम ‘पोर्टेबल पावर टिलर’ रखा।

ऑटो वर्कशॉप का अनुभव काम आया

महेश ने बुजुर्गों की कही बात कि ‘जीवन में सीखा कोई काम बेजा नहीं जाता’ को सही साबित करते हुए अपने पुराने अनुभव का प्रयोग कर यह सफलता हासिल की। उन्होंने महाराष्ट्र में करीब सात वर्ष बजाज ऑटो के एक वर्कशॉप में काम किया, लेकिन दसवीं पास नहीं होने के कारण वहां नौकरी स्थायी नहीं हुई और घर वापस आ गया, तो रोजगार की समस्या सामने थी। खेती के अलावा पेट भरने के लिए कोई रोजगार नहीं था। उस पर घर की हालत ऐसी कि ट्रैक्टर खरीदना तो दूर, बैल भी नहीं खरीद सकते थे। उन्होंने अपने दोस्त के गैराज से पुराने बजाज चेतक स्कूटर का स्क्रैप करीब 4500 रुपए में खरीदा और उसे विभिन्न तरीके आजमाकर छोटे ट्रैक्टर का रूप दे दिया, जिसमें ट्रैक्टर का छोटा हल लगा दिया।

नौ हजार रुपए खर्चा आया

महेश को इस पावर टिलर को बनाने में करीब 9000 रुपए खर्च करने पड़े। यह यंत्र जो केवल ढाई लीटर पेट्रोल में पांच कट्ठा जमीन यानी लगातार पांच घंटे जुताई करता है। ममेश की यह मशीन पूरे गांव के लिए प्रेरणादायी बन गई है। जाहिर है, यह पावर टिलर ट्रैक्टर की तुलना में सस्ता और चलाने में अधिक सरल है।

ऐसे बनाया

इसे बनाने की विधि के विषय में महेश कहते हैं, ‘इसके लिए सबसे पहले 20 बाई 41 इंच का चेसिस बनाया। अब इंजन और हैंडल की जरूरत पूरी करने के लिए स्कूटर का इंजन लगा दिया। गेयर बक्स, हैंडल और दोनों चक्कों को निकाल कर बनाए गए उस चेसिस में फिट कर दिया।’ महेश की अगले साल तक पावर टिलर के अधिक बड़े और शक्तिशाली संस्करण को लाने की योजना है।
बहरहाल, महेश की ऐसी बनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने की भी योजना है।इसमें सफलता के लिए सरकार को उन्हें आर्थिक सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोग इस मशीन को देखने और बनाने की मांग कर रहे हैं। महेश के इस प्रयास से उसके परिवार के लोग भी खुश हैं।
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