इससे पूर्व शनिवार को दिनभर मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगी रही। शाम होते ही मंदिरों में भजन संध्या, हरिनाम संकीर्तन गूज उठे। मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण का जन्माभिषेक किया गया। गोविंददेवजी मंदिर में 31 तोपों की सलामी व आतिशबाजी के बीच जन्माभिषेक हुआ। इस दौरान मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
तोपों की सलामी से खुले दर्शन मध्य रात्रि में 31 तोपों की सलामी और विशेष आतिशबाजी के बीच अभिषेक के लिए दर्शन खुले। 6 पंडितों ने वेद पाठ किया। इसके साथ ही 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 बूरा, 11 किलो शहद के पंचामृत अभिषेक से ठाकुरजी का जन्माभिषेक किया गया। ठाकुरजी को पंजीरी, खीरसा व रबड़ी का भोग लगाया गया। वहीं पुरानी बस्ती स्थित मंदिरश्री राधा गोपीनाथजी में मध्यरात्रि में ठाकुरजी का जन्माभिषेक किया गया। इससे पहले भजन संध्या हुई। दिनभर गोपीनाथजी के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी।
108 स्वर्ण, रजत कलशों से अभिषेक मानसरोवर धौलाई स्थित गिरिधारी दाऊजी इस्कॉन मंदिर में 108 स्वर्ण, रजत कलशों से विभिन्न औषधियों से ठाकुरजी का अभिषेक किया गया। इससे पहले नृत्य नाटिका व प्रतियोगिताओं सहित कई कार्यक्रम हुए। मंदिर में रविवार को नंदोत्सव के साथ मंदिर संस्थापक आचार्य प्रभुपाद का अविरभाव महोत्सव के तहत कई कार्यक्रम होंंगे।
121 व्यंजनों का लगा भोग जगतपुरा के अक्षयपात्र स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान के विग्रहों का 51 दिव्य द्रव्यों से अभिषेक किया गया। इसके बाद 121 व्यंजनों और 501 किलोग्राम माखन मिश्री का भोग लगाया गया। मंदिर में दिनभर भक्त उमड़े।
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