एसटीएफ ने लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर दो के पास से आजमगढ़ (हाल पता इंदिरा नगर लखनऊ) के विनोद गौड़, शादान खान निवासी बहराइच (हाल पता अमीनाबाद, लखनऊ), पंकज गुप्ता निवासी कर्नलगंज प्रयागराज, कमल किशोर यादव निवासी मेंहदौरी प्रयागराज और अजीत कुमार निवासी रेल बाजार जौनपुर को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ द्वारा पकड़े गए लोगों में पंकज गुप्ता और अजीत कुमार सरकारी शिक्षक हैं और कमल किशोर जीएसटी (प्रयागराज) में संग्रह अमीन के पद पर कार्यरत हैं। विनोद गौड़ और शादान कंप्यूटर आपरेटर हैं। यह दोनों लोग उस एजेंसी के कर्मचारी हैं जिस एजेंसी को परीक्षाओं की डेटा एंट्री और परीक्षा परिणाम तैयार करने का टेंडर मिला था।
प्रवेश पत्र और प्रश्न पत्र बरामद
एसटीएफ ने 61 लाख 50 हजार रुपए, एक प्रश्न पुस्तिका और दो ओएमआर शीट, 14 प्रवेश पत्र, साक्षात्कार सूची, 9 प्रमाणपत्र और प्रश्न पत्र और वॉट्सएप चैटिंग के 68 स्क्रीन शॉट बरामद किए हैं।
5 से 10 लाख प्रति अभ्यर्थी
एसटीएफ का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी तरीके के पास कराने वाला गिरोह हर अभ्यर्थी से कम से कम 5 से 10 लाख रुपए लेता था। इस गिरोह के कहने पर अभ्यर्थी ओएमआर शीट खाली छोड़ देते थे और बाद में इन अभ्यर्थियों को पास करने के लिए डेटा एंट्री एजेंसी में ओएमआर शीट भर दी जाती थी।
ऐसे ही फर्जीवाड़ा करके 18 अभ्यर्थियों को राजस्थान अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंकों से पास किया गया और इनसे 61.50 लाख रुपए लिए गए। यह राशि ही जांच के दौरान बरामद की गई। डिप्टी एसपी नवेंदु सिंह का कहना है कि मामले में राजस्थान के रमेश मीणा और धर्मेंद्र मीणा की तलाश जारी है।