स्थानीय व्यापारियों के अनुसार शुक्रवार सुबह 7 बजे निगम के हवामहल जोन के अधिकारी मनीरामजी की कोठी का रास्ता,रामगंज बाजार पहुंचे। वहां खाना बना रहे कुछ लोगों को कॉम्पलेक्स से बाहर निकाल दिया और मकान नंबर 410 पर बने बहुमंजिला कॉम्पलेक्स को सीज कर दिया। कॉम्पलेक्स को सीज करने की सूचना जैसे ही व्यापारियों को लगी तो वे एकत्रित हो गए। दस बजे 500 से ज्यादा व्यापारी वहां जमा गए और निगम की कार्यवाही का विरोध करते हुए बडी चौपड पर धरने पर बैठ गए। व्यापारियों ने निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। व्यापारियों का कहना था कि महज जेईएन की रिपोर्ट के आधार पर कॉप्लेक्स को सीज कर दिया गया जबकि मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा था।
हमामहल जोन के उपायुक्त करतार सिंह ने कहा कि इस बहुमंजिले कॉप्लेक्स में किसी भी तरह के निर्माण पर न्यायालय की रोक थी। फिर भी मौके पर जी—1 में द्वितीय मंजिल का निर्माण भी कर लिया था। मौके पर अवैध निर्माण पाया गया है और भवन के हेरीटेज लुक को खत्म किया जा रहा है। पहले भी निगम से सीज भी कर दिया था लेकिन शपथ पत्र देने के बाद सील को खोल दिया गया। लेकिन बाद में शपथ पत्र की शर्तो का उल्लंघन किया और अवैध निर्माण को नहीं हटाया गय। करतार सिंह ने बताया कि इस संबध में समय समय पर नोटिस भी दिए गए थे।
ये तो सरेआम निगम की दादागिरी है। न्यायालय के आदेश थे कि पहले सभी 19 भवनों को नोटिस दिया जाए और फिर नोडल अधिकारी के द्वारा पक्ष सुना जाए। निगम ने बिना कोई नोटिस दिए कॉम्पलेक्स को सीज कर दिया। मौके पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं चल रहा। निगम के अफसरों की इस कारगुजारी की शिकायत नगरीय विकास मंत्री से मिलकर की जाएगी।
राजेन्द्र कुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष, परकोटा विकास संघर्ष समिति