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चिन्ताजनक : जयपुर में दो दिन में एक बार आएगा पानी, शुरू हुआ इमरजेंसी के लिए कंटीजेंसी प्लान

locationजयपुरPublished: Jul 22, 2019 10:41:12 pm

Monsoon in Rajasthan : मानसून की बेरुखी से बढ़ी चिंता, बीसलपुर ( Bisalpur ) में एक माह का ही पानी

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चिन्ताजनक : जयपुर में दो दिन में एक बार आएगा पानी, शुरू हुआ इमरजेंसी के लिए कंटीजेंसी प्लान

भवनेश गुप्ता / जयपुर. बीसलपुर में अब एक माह का ही पानी बचा है। ऐसे में जयपुर, अजमेर, टोंक के लाखों लोगों की चिंता बढ़ गई है। मानसून की बेरुखी के बीच आपात स्थिति से निपटने के लिए कंटीजेंसी प्लान पर काम शुरू हो गया है। जयपुर शहर में 683 ट्यूबवैल और खोदने की तैयारी है। दो दिन में एक बार पेयजल सप्लाइ पर भी मंथन तेज कर दिया गया है।

यहां तक कि कई बड़े इलाकों तक दूसरे क्षेत्रों से पानी पहुंचाने पर काम शुरू हो गया है। इनमें झोटवाड़ा, जगतपुरा, मालवीयनगर, सिविल लाइन्स, चारदीवारी क्षेत्र शामिल हैं। यहां नए ट्यूबवैल नहीं खोदे जा सकते इसलिए इन इलाकों में दूसरे क्षेत्रों से पानी ट्रांसफर किया जाएगा। ऐसे हालात के बीच जलदाय विभाग ने लोगों से पानी बचाने की अपील की है। उधर, जलदाय मंत्री बीडी कल्ला से लेकर प्रमुख शासन सचिव ने इस मामले में हर दिन की रिपोर्ट मांगी है।

बीसलपुर में पानी की स्थिति

– 304.97 मीटर लेवल है अभी

– 302 मीटर तक ही पेयजल के लिए पानी

– 2.27 टीएमसी पानी बचा है अभी

– 330 एमएल पेयजल जयपुर शहर के लिए आ रहा हर दिन
(इसमें अजमेर व टोंक में अलग सप्लाइ है)

पुराने सिस्टम पर लौटने की नौबत
जिन इलाकों में ट्यूबवैल में सरप्लस पानी आ रहा है, उन्हें प्रभावित इलाकों को जोड़ा जाएगा। जैसे, मालवीयनगर में भूजल की कमी है लेकिन दुर्गापुरा में स्थिति ठीक है तो दोनों इलाकों को जोड़ा जा रहा है। यहां बीसलपुर लाइन से पहले दोनों इलाके पाइपलाइन से जुड़े हुए थे, जो पाइपलाइन अब भी है। इसी के जरिए पानी ट्रांसफर किया जाएगा। इसी तरह चारदीवारी क्षेत्र में लक्ष्मणडूंगरी व पानीपेच से पानी आएगा।

सभी 72 पंप हाउस पर प्लान

शहर में 72 पंप हाउस हैं। सभी पर अलग-अलग पानी की मौजूदा स्थिति और जरूरत दोनों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें बीसलपुर और ट्यूबवैल से कितना पानी ले रहे हैं, ट्यूबवैल से अब और कितना पानी लिया जा सकता है। यहीं नए ट्यूबवैल खुदाई के प्रस्ताव भी मांगे गए हैं।

चिंता : पहले ही ट्यूबवेल से खींच रहे भूजल

1. निजी ट्यूबवैल : पहली बार निजी ट्यूबवैल से पानी ले रहे। सभी आठों डिविजन में इसके कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि ज्यादातर निजी ट्यूबवैल अवैध हैं, जो भूजल बेचकर चांदी कूट रहे हैं। इन्हें बंद कराने की बजाय बढ़ावा दे रहे हैं।
2. 273 ट्यूबवैल दोबारा शुरू : सभी ट्यूबवैल शुरू किए जा चुके हैं, जबकि वर्षों से बंद थे। अब हर दिन 4.2 करोड़ लीटर पेयजल मिल रहा है।

3. 732 नए ट्यूबवैल : इनमें से 617 ट्यूबवैल शुरू किए जा चुके हैं। यहां से हर दिन 84 एमएलडी पानी ले रहे हैं। बाकी 115 जगह ट्यूबवैल खोदे जाएं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। कारण, ऐसे ट्यूबवैल 6 इंच के होंगे और चिह्नित जगह पर भूजल स्तर गिरता जा रहा है।
(पिछले वर्ष तक 2168 ट्यूबवैल ही संचालित थे, जिनसे 70 करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन लिया जाता रहा। इस वर्ष जमीन से पेयजल खींचने का आंकड़ा 195 करोड़ लीटर हो गया। यानी 125 करोड़ लीटर ज्यादा पानी)

पहली बार : जितने ट्यूबवैल वर्षों में बने, उससे आधे इस बार शुरू

– 2162 ट्यूबवैल पहले से संचालित

– 273 ट्यूबवैल पुराने किए शुरू

– 650 नए ट्यूबवैल से ले रहे पानी
– 82 बचे ट्यूबवैल शुरू करने पर काम

– 683 और नए ट्यूबवैल खुदाई का प्लान

अभी यह है स्थिति
– 530 एमएलडी पेयजल सप्लाइ हो रहा है अभी हर दिन

– 330 एमएलडी पेयजल बीसलपुर बांध से ले रहे
– 200 एमएलडी पानी ट्यूबवैल से लिया जा रहा

– 70 प्रतिशत इलाके में जलदाय विभाग सप्लाइ कर रहा

– 30 प्रतिशत इलाके निजी ट्यूबवैल-टैंकर के भरोसे


कंटीजेंसी प्लान बना रहे हैं, जिससे बीसलपुर बांध में अपेक्षित पानी की आवक नहीं होने पर शहर में नियमित तौर पर पेयजल सप्लाइ की जा सके। कुछ और नए ट्यूबवैल के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। ऐसे इलाके जहां भूजल स्तर नीचे है, वहां सरप्लस वाले क्षेत्रों से पानी पहुंचाया जा सकता है।
– देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग

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