पिछले वर्ष मार्च तक 1.90 लाख वीसीआर मामले लंबित थे। इनमें से 1.52 लाख का समय—समय पर निस्ताण होता रहा। इनके जरिए 121 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूली गई। लेकिन इसके बावजूद 38 हजार मामलों में पेनल्टी वसूली जानी है। जयपुर डिस्कॉम में 13 शहर शामिल हैं।विषय विशेषज्ञों के मुताबिक सख्त कार्रवाई की बजाय लगातार छूट बढ़ाना विद्युत चोरी करने वालों के लिए नजीर साबित होगी।
इस तरह समझें छूट की गणित… वीसीआर निस्तारण योजना के तहत पिछले वर्ष ३१ मार्च तक तक जिन उपभोक्ता, गैर उपभोक्ताओं के वीसीआर भरी गई, उन मामलों को इसमें शामिल किया गया। इसके तहत 50 हजार रुपए तक की वीसीआर राशि पर 50 प्रतिशत की छूट दी गई। यदि वीसीआर की राशि 50 हजार रुपए से ज्यादा है तो पचास हजार रुपए तक तो पचास प्रतिशत छूट और इसके बाद की राशि पर 10 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। मसलन, 90 हजार रुपए की वीसीआर भरी गई तो 50 हजार रुपए तक तो पचास प्रतिशत छूट के तहत 25 हजार रुपए और बाकी 40 हजार रुपए में दस फीसदी छूट के तहत 4 हजार रुपए की छूट मिलेगी। उपभोक्ता को 90 हजार में से 61 हजार रुपए ही जमा कराने होंगे।
यहां भी छूट…
—विद्युत एमनेस्टी योजना के तहत बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज व पेनल्टी में शत—प्रतिशत की छूट। इसके तहत अघरेलू, औद्योगिक व मिक्स लोड श्रेणी के 31 मार्च, 2017 तक कटे हुए कनेक्शन के उपभोक्ता शामिल हैं। साथ ही घरेलू, कृृषि, एसआईपी (ग्रामीण) श्रेणी व केन्द्र—राज्य सरकार के विभागों के किसी भी श्रेणी के विद्युत कनेक्शन के नियमित, कटे हुए कनेक्शन के उपभोक्ता।
—विद्युत एमनेस्टी योजना के तहत बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज व पेनल्टी में शत—प्रतिशत की छूट। इसके तहत अघरेलू, औद्योगिक व मिक्स लोड श्रेणी के 31 मार्च, 2017 तक कटे हुए कनेक्शन के उपभोक्ता शामिल हैं। साथ ही घरेलू, कृृषि, एसआईपी (ग्रामीण) श्रेणी व केन्द्र—राज्य सरकार के विभागों के किसी भी श्रेणी के विद्युत कनेक्शन के नियमित, कटे हुए कनेक्शन के उपभोक्ता।
—कृृषि कनेक्शन के नियमित उपभोक्ताओं की लम्बित वीसीआर का मूल निर्धारण राशि कम्पाउण्डिंग व सिविल लायबिलिटी की 10 प्रतिशत राशि जमा कराने पर। ऐसे उपभोक्ता 31 मार्च तक बढे हुए भार की स्वैच्छिक घोषणा कर उसको नियमित करवा सकेंगे।
कई मामलों में लंबित वीसीआर थीं, जिनका समयबदृध तरीके से निस्तारण के लिए छूट दी जा रही है। संबंधित अफसर इस पर काम कर रहे हैं। इसका किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं है, बल्कि पेनल्टी राशि की वसूली हुई है।
—जे.के. मिश्रा, अधीक्षण अभियंता, जयपुर डिस्कॉम
—जे.के. मिश्रा, अधीक्षण अभियंता, जयपुर डिस्कॉम