पुलिस के मुताबिक पति की आए दिन की प्रताडऩा से दु:खी होकर पत्नी निर्मला और प्रेमी उमेश ने रोशन को ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी। हालांकि पुलिस अभी तक रोशन को गोली मारने वाले दोनों शूटरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
पुलिस का कहना है कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार प्रेमी उमेश ने अपने मित्र के मार्फत शूटरों को सुपारी दिलवाई थी। प्रेमी के मित्र की गिरफ्तारी के बाद ही सुपारी लेने वाले और शूटरों के मामले में खुलासा हो पाएगा। गिरफ्तार प्रेमी के मित्र और शूटरों की तलाश में पुलिस के अलग-अलग दलों ने शनिवार को भी उत्तर प्रदेश सहित कई जगह दबिश दी।
सुपारी की रकम मित्र ने ही दी
डीसीपी (वेस्ट) अशोक गुप्ता ने बताया कि बैंक मैनेजर रोशन लाल यादव की हत्या के मामले में उसकी पत्नी निर्मला और पड़ोसी प्रेमी उमेश को
आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई तो हत्या के कारणों का खुलासा हो गया। उमेश अपने मित्र को शूटरों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंप घटना के दस दिन पहले ही उत्तराखंड चला गया।
डीसीपी (वेस्ट) अशोक गुप्ता ने बताया कि बैंक मैनेजर रोशन लाल यादव की हत्या के मामले में उसकी पत्नी निर्मला और पड़ोसी प्रेमी उमेश को
आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई तो हत्या के कारणों का खुलासा हो गया। उमेश अपने मित्र को शूटरों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंप घटना के दस दिन पहले ही उत्तराखंड चला गया।
डीसीपी का कहना है कि रोशन की हत्या के लिए रकम तय करने, एडवांस देने और शूटरों को रैकी करवाने का काम उमेश के मित्र ने ही किया था। प्रारंभिक जांच में हत्या के लिए पांच लाख रुपए की सुपारी देने की बात सामने आई है। डीसीपी ने बताया कि गुरुवार को रोशन की हत्या से पहले भी उमेश ने निर्मला से मोबाइल फोन पर बातचीत की थी। उमेश ने निर्मला को रोशन की हत्या के लिए शूटरों की व्यवस्था कर लेने की जानकारी भी दी।