गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने बीते जनवरी में आदेश जारी कर सभी जोन के रेलकर्मियों को स्मार्ट हैल्थ कार्ड जारी करने के निर्देश दिए। हालांकि उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में स्मार्ट हैल्थ कार्ड जारी होने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी रही वहीं आचार सहिंता लागू होने पर मामला अटक गया। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के जयपुर,अजमेर, जोधपुर और बीकानेर मंडलों में रेलवे केंद्रीय अस्पताल में फिलहाल रेलकर्मियों और पेंशनर्स कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल रहा है।
वहीं, चिकित्सकों के परामर्श के बाद उन्हे सीटीएसई योजना के तहत रेलवे सेे सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध है। रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद रेलकर्मियों की पहचान के लिए रेलवे प्रशासन चार रंगों में हैल्थ यूनिक आईडी कार्ड तैयार कराएगा। कार्ड पर 12 अंकों के अल्फा न्यूमेरिक नंबर दर्ज होंगे। साथ ही सेवारत रेलकर्मियों के स्मार्ट कार्ड पर नीली पट्टी, पेंशनर्स को हरी पट्टी और आश्रितों के लिए नीली—हरी पट्टी लगे स्मार्ट हैल्थ कार्ड जारी करने की कवायद रेलवे प्रशासन शुरू कर चुका है।
कर्मचारियों का डाटा फिलहाल ऑनलाइन जमा किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में वर्ष 2018— 19 में सेवारत रेलकर्मियों की संख्या 55772 है वहीं सेवानिवृत रेलकर्मी 48223 हैं। इस तरह कुल 96446 लाभार्थियों को स्मार्ट हैल्थ कार्ड उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन शीघ्र जारी करेगा।
जोन के केंद्रीय अस्पतालों में सालाना ओपीडी रजिस्ट्रेशन 1277360 हैं वहीं सालाना केंद्रीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों का आकंड़ा 35191 है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार आचार सहिंता के कारण जोन में स्मार्ट कार्ड जारी तैयार करने का काम धीमा रहा है लेकिन अब जल्द ही कार्ड तैयार होने की कार्रवाई शुरू होगी और रेलकर्मियों को डायरी और मेडिकल कार्ड संभालने की झंझट से राहत मिल सकेगी।